Sunday, December 22

विश्व अवसाद दिवस पर विशेष! इस बीमारी से बचने के लिए दौड़ना घूमना और योग हो सकता है रामबाण

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अवसाद एक ऐसी बीमारी है जो कभी भी किसी को भी किसी भी कारण से हो सकती है। आपके मन की इच्छा पूरी न होने से अवसाद हो सकता है। आपकी सोच के अनुसार कोई काम नहीं होता तो उसे लेकर भी आप इस बीमारी का शिकार हो सकते हैं। बताते हैं कि 2019 में दुनियाभर में 28 करोड़ मरीज इस बीमारी से पीड़ित थे। खबर से पता चलता है कि 14 की उम्र से हम इस मानसिक विकारों से गुजरने लगते हैं। मरीजों में 2.3 करोड़ बच्चे शमिल बताए गए। कहते हैं कि प्रतिदिन दौड़ने से हैप्पी हार्मोन्स का निर्माण होता है। नकारात्मक ख्याल दूर होते हैं। दौड़ लगाने से मतिष्क को शरीर आराम करने के लिए कहता है। दौड़ना इस बीमारी में काफी लाभदायक बताते हैं कि अवसाद को मानसिक स्वास्थय के गंभीर तौर पर जाना जाता है। इसमें उदासी बढ़ जाती और आप अन्य गतिविधियों में रूचि खो सकते हैं जिनमें आप रूचि लेते थे। यह आत्महत्या के विचारों को भी बढ़ावा देती है। आज पूरे विश्व में मानसिक अवसाद दिवस मनाया जा रहा है।
यह तो नहीं कहा जा सकता कि रोज नई कठिनाई और परेशानी के चलते आप इस बीमारी से पूरी तौर पर बचे रह सकते हैं। लेकिन कहते हैं कि प्रयास हमेशा सफल होता है अगर सच्चे मन से किया जाए तो। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए मेरा स्पष्ट मानना है कि जो होना है वो तो होकर ही रहेगा। लेकिन अगर हम जल्दी निराश होने की भावना को छोड़ने के साथ ही नशे से दूरी बनाकर रख सकते हैं और नियमित व्यायाम व योग करने करने के साथ सुबह पैदल घूमते हैं तो हमारे मन से नकारात्मक सोच गायब होती है और इसी से हम अवसाद से बच सकते हैं। तो दोस्तों आओ यह सोचकर कि कठिनाई तो बढ़नी ही है लेकिन इनसे घबराने की बजाय इन्हें रोजमर्रा के कार्यों के समान लेते हुए इससे मुकाबले के लिए हर वो काम करें जो हमें अवसाद से दूर रख सकें।

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