हमेशा सुनते चले आएं है कि ऊपरवाला एक है, नाम भले ही अलग अलग हो सकते हैं। यह किसी से छिपा नहीं है कि हिंदु मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं भाई-भाई का नारा लोकप्रिय है और हमेशा सभी धर्म के प्रमुखों का सम्मान और पूजा इबादत करने का अवसर जितना भारत में है और शायद कहीं नहीं होगा। ईश्वर अल्लाह तेरे नाम जिस भगवान को हम मानते हैं उसका सम्मान आदर और प्यार तो करते ही है तभी जीवन मेें प्रतिदिन कितनी ही व्यवस्तता क्यों ना हो पूजा के लिए समय निकालते ही हैं। इसलिए आई लव मोहम्मद व भगवान महादेव हमारे मन में बसे हैं। शुभ काम इनके बिना नहीं हो पाते तो यह विवाद क्यों छिड़ा। बरेली में इसे लेकर हुई हिंसा के बाद मौलाना तौकीर रजा के ७७ मददगारों को पुलिस ने रडार पर ले रखा है। आईलव मोहम्मद चार्ट बनाने वाले स्कूल सीतापुर के संचालक व शिक्षिका को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मेरा मानना है कि इस बात को लेकर किसी भी प्रकार का दिखावा करने की जरुरत नहीं थी। ऊपरवाले के प्रति तो सभी नतमस्तक है। इसलिए चाहे कोई भी हो ऐसे मुददे को लेकर समाज में बदअमनी फैलाने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। यूपी के मुख्यमंत्री का यह कथन भी सही है कि गजवा ए हिंद का सपना देखने वालों का टिकट कट जाएगा। क्योंकि देश में हिंदुस्तानी बनकर रहना और अपने धर्म के अनुसार पूजा पाठ करने में कोई समस्या नहीं है लेकिन बदअमनी और हिंसा फैलाने वाला कोई भी हो उसे सजा तो मिलनी ही चाहिए। सरकार को इस मामले में कोई देरी भी नहीं करनी चाहिए क्योंकि छोटी छोटी बातें ना रोकी जाएं तो वहां बड़ा रूप लेने में देर नहीं लगाती। आम आदमी भी भाईचारा और सदभाव समाप्त नहीं होने देना चाहता और हिंसा से जो विकास रूकता है रोजगार और आर्थिक समस्याओं को संभालने में लगा नागरिक उसे झेलने के लिए तथ्या नहीं है।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
हिंसा फैलाने वालों पर हो सख्ती! ईश्वर अल्लाह तो हमारे मन में बसे हैं दिखावा क्यों, हिंदु मुस्लिम सिख ईसाई आपस में हैं भाई की भावना कायम करे तो अच्छा है
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