Wednesday, November 12

निठारी कांड में सुरेंद्र कोली की सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की उम्रकैद की सजा, रिहा करने के आदेश

Pinterest LinkedIn Tumblr +

नई दिल्ली 11 नवंबर। सुप्रीम कोर्ट ने साल 2006 के निठारी सीरियल किलिंग मामले में दोषी सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया है. रिंपा हल्दर मर्डर केस में उसे दी गई उमकैद की सजा के फैसले को वापस लेकर बेंच ने आदेश दिया है कि अगर वह किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है, तो उसे तुरंत रिहा कर दिया जाए.

बताते चले कि सुरेंद्र कोली पहले से ही 12 मामलों में बरी हो गया था, लेकिन रिंपा हल्दर मर्डर केस में उसे उम्रकैद की सजा हुई थी. वह गाजियाबाद की जेल में सजा काट रहा था, लेकिन अब उसे इस मामले में भी बरी कर दिया गया है और जेल से रिहा करने के आदेश दिए गए हैं. ऐसे में अब वह 19 साल बाद जेल से बाहर आएगा.

बता दें कि गत 7 अक्टूबर को सुरेंद्र कोली का क्यूरेटिव याचिका पर 3 जजों CJI बीआरगवई, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने फैसला सुरक्षित रखा था, जो आज सुनाया गया. वहीं बेंच ने सुनवाई के दौरान मामले में कई टिप्पणियां भी की थीं. CJI गवई ने कहा कि सुरेंद्र 12 मामलों में बरी हो गया है, लेकिन एक मामले में उसे सजा देना अजीब और मजाक वाली स्थिति होगी. जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि रसोई के चाकू से हड्डियों को काटना संभव नहीं है.

गौरतलब है कि सुरेंद्र कोली ने उम्रकैद की सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जो पहले खारिज हो चुकी थी. वहीं अब सुरेंद्र कोली ने सुप्रीम कोर्ट मे क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करके उम्रकैद की सजा को चुनौती दी थी, जिसमें उसे बरी कर दिया गया. साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने ही सुरेंद्र को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. वहीं जस्टिस विक्रम नाथ ने अब फैसला सुनाते हुए कहा कि 2011 में दी गई सजा रद्द, इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश रद्द, ⁠याचिकाकर्ता बरी, ⁠सभी सजाएं भी रद्द. ⁠

बता दें कि साल 2005 और 2006 में उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर के निठारी गांव में सीरियल किलिंग्स हुई थीं. करीब 19 बच्चों और युवतियों के साथ रेप, मर्डर और शवों के टुकड़े करके खाने का आरोप लगा था. बिजनेसमैन मोनिंदर सिंह पंधेर पर भी आरोप लगे थे और सुरेंद्र मोनिंदर की सेक्टर-31 स्थित कोठी में घरेलू नौकर था तो पुलिस ने उसे भी सह-आरोपी बनाया. दिसंबर 2006 में 8 बच्चों के कंकाल मिलने और गांव से बच्चों के गायब होने के चलते मामला सामने आया.

जांच के दौरान 19 लाशें मिलीं, जो ज्यादातर बच्चों की थीं. प्रारंभ में सुरेंद्र में गुनाह कबूल किया, लेकिन बाद में उसने पुलिस के दबाव में आकर गुनाह कबूलने की बात कहीं. नार्को टेस्ट में उसने 6 बच्चों और 20 वर्षीय महिला का मर्डर कबूल किया. पीड़ितों में रिंपा हल्दर भी शामिल था, जिसकी हत्या के मामले में सुरेंद्र को उम्रकैद की सजा हुई थी, जो अब रद्द कर दी गई है.

Share.

About Author

Leave A Reply