Saturday, June 7

गढ़ रोड पर मां भगवती एसोसिएट्स लिखे अवैध निर्माण में जल्द टाटा क्रोमा का शोरूम खुलने की चर्चा, मानचित्र पास के नाम पर हो रहा अवैध निर्माण जेई साहब को क्यों नजर नहीं आ रहा उच्च अधिकारियों से कराई जाए जांच

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दैनिक केसर खुशबू टाइम्स
मेरठ, 07 जून (विशेष संवाददाता)
प्रदेश सरकार जितना अवैध निर्माण रोकने कच्ची कालोनियों पर अंकुश लगाने और सरकारी भूमि घेरने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए प्रयासरत नजर आती है उतना ही जैसा देखने और सुनने में आ रहा है उसके अनुसार मेडा के जिम्मेदार अधिकारी अवैध निर्माण कर्ताओ को बचाने के लिए पूरी तौर पर प्रयासरत नजर आ रहे है ।
माननीय मुख्यमंत्री जी क्यूंकी आपके द्वरा अवैध निर्माण कर्ताओ के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने के निर्देश बार बार दिये जाने के बाद भी मेरठ विकास प्राधिकरण मेडा से मानचित्र पास बताकर अवैध रूप से शासन की नीति के विपरीत किए जा रहे निर्माणों की मेरठ में बाढ़ सी आ गयी है ।

इसके जीते जागते उदाहरण के रूप में किसी अंकित जैन व रस्तोगी नामक सर्राफा व्यवसायी बताए जाने वाले व्यक्ति द्वारा सरकार की निर्माण नीति के विपरीत पूर्णतया नक्शे के विपरीत उक्त विशाल भव्य निर्माण 990 गज से जायदा भूमि पर जो चित्र में नजर आ रहा है होना बताया जाता है ।

जानकारों का कहना है कि इसका नक्शा भी एमडीए के मानचित्र विभाग द्वारा मिलीभगत कर गलत तरीके से पास किया गया है और बाहर माँ भगवती एसोसिएट का बोर्ड लगाकर जो अवैध निर्माण मानचित्र पास बताकर किया जा रहा है वह भी बिलकुल नक्शे व सरकार की मानचित्र नीति के विपरीत बताया जा रहा है ,मेडा के संबंधित अधिकारी इस संबंध में अभी तक खामोशी साधे क्यों बैठे है यह भी जांच का विषय है।

चर्चा है कि उक्त निर्माण में टाटा ग्रुप का बड़ा ब्रांड क्रोमा का शोरूम खुलना है शायद इसीलिए जे.ई साहब इस निर्माण को जल्द से जल्द पूरा करने की दृष्टि से मानचित्र पास बता रहे है ।
क्यूंकी आजकल मेडा के अधिकारियों द्वारा शिकायतों के किए जा रहे निस्तारण के बारे में जो सुनने को मिलता है उस से तो यह लगता है की इन्हे अवैध निर्माण कराने का ठेकेदार बना दिया जाना चाहिये ,जानकारो का मौखिक रूप से कहना है की यह सही काम तो कर नहीं सकते हाँ आवेध निर्माण कराने के लिए पूरी तोर तय्यार नजर आते है ।

माननीय मुख्यमंत्री जी इस संदर्भ में जो गढ़ रोड पर माँ भगवती एसोसिएट के निर्माण के संदर्भ में कई शिकायते हुई बताई गयी है जिनका निस्तारण बिलकुल फर्जी तरीके से किया गया बताते है जहा तक इस निर्माण के मानचित्र पास की बात है वो पास हो सकता है लेकिन मौके पर जो निर्माण होता नजर आ रहा है उसको देखकर ऐसा लगता है की शायद सरकार की किसी भी निर्माण नीति के तहत ऐसा नक्शा पास नहीं हो सकता जहां तक निस्तारण पर हस्ताक्षर की बात है तो पहले तो प्रवर्तनअधिकारी स्वयं तो मौका मुआइना करते नहीं और जे. ई की तैनाती की जाती है और वो भी खुद न जाकर मेट या सुपरवाइजर को भेज देते है और फिर फर्जी निस्तारण कर उसपर हस्ताक्षर करने की बात करते है जो की बिलकुल सही नहीं है ।
ज्यादा तो क्या लिखना कहना निर्माण की मेडा वी सी या सचिव को मौके पर भेजकर जांच करा ली जाए तो पता चल जाएगा की नक्शा क्या पास था निर्माण क्या हो रहा है और निस्तारण कर्ता किस प्रकार से सरकार की निर्माण नीति का उल्लंघन कराकर आए दिन लगने वाले जाम का कारण है और मानचित्र नियमो का उलंघन करा रहे है ।

महोदय एक तरफ बीते दिवस माननीय मंडलायुक्त जी द्वारा कमिश्नरी सभागार में आयोजित बैठक में आईजीआरएस माननीय मुख्यमंत्री जी के जन शिकायत पोर्टल पर आई शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करने का निर्देश देकर इस प्रदेश सरकार की प्राथमिकता बताई गई ।
और कहा गया कि इनकी शिकायतों पर शिकायतकर्ताओं से पूर्ण फीडबैक लें और विस्तार से समीक्षा कर रिपोर्ट भेजें । बताते चले कि पूर्व में कई बार माननीय मुख्यमंत्री जी भी आईजीआरएस पर निस्तारित होकर जा रहे मामलों को लेकर नाराजगी व्यक्त कर चुके है।
लेकिन यहां अलग ही नजारा देखने को मिला क्योकि एक तरफ तो माननीय मंडलायुक्त जी आईजीआरएस पर प्राप्त शिकायतों गुणवत्तापूर्ण तरीके से सरकार की प्राथमिकता बताकर निर्देश दे रहे थे।

इन बातों का ध्यान रख शासन हित में मानचित्र के बिलकुल विपरीत बन रहे बताए जा रहे माँ भगवती कॉम्प्लेक्स के निर्माण की शासन की निर्माण नीति और मानचित्र में दिये गए बिन्दुओं आदि की जांच करी जाए तो चित्र में जो यह बिलकुल सड़क से उचित दूरी न छोड़कर किया गया निर्माण नजर आ रहा है वो किसी भी रूप में शासन की नीति के तहत नहीं हो सकता उसके बावजूद जे.ई साहब पता नहीं कौनसा चश्मा लगाकर अवैध निर्माण को पास के अनुसार हुआ बता रहे है ।

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