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नेविगेशन ऑफिसर ने फर्जी मुकदमे में काटी चार माह की जेल, एसपी सिटी और सीओ सदर की जांच में तत्कालीन थानेदार- दारोगा ‘दागदार ‘

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मेरठ 07 जून (प्र)। एयर इंडिया के नेविगेशन ऑफिसर को जानलेवा हमले के फर्जी मुकदमे में चार माह की जेल काटनी पड़ी। जेल से छूटने के बाद पीड़ित की शिकायत पर जिलाधिकारी ने रि-मेडिकल कराया। रि-मेडिकल में चोटें पुरानी तथा फर्जी पाई गई। इसके बाद एसपी सिटी तथा सीओ सदर ने आरोपों की अलग- अलग जांच की। जांच में लोहिया नगर थाने के तत्कालीन थानेदार तथा एक दारोगा एक पक्षीय कार्रवाई के दोषी पाए गए। एसपी सिटी तथा सीओ सदर अपनी जांच रिपोर्ट एसएसपी को लगभग एक माह पहले भेज दी, लेकिन उसमें आरोपी पुलिसकर्मियों पर आज तक कार्रवाई का इंतजार पीड़ित को है।

दरअसल, लोहियानगर थाना क्षेत्र की जामिया रेजिडेंसी में एयर इंडिया नेविगेशन ऑफिसर मोमीन खान रहते हैं। दो नवंबर 2023 में मोमीन खान के खिलाफ अमीर मोहम्मद, वसीम चौहान, जैद चौहान ने मेड़ा में जामिया रेजिडेंसी में 80 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार की झूठी शिकायत करने के विरोध पर हमला करते हुए घायल करने के आरोप लगाए । मोमीन खान ने भी 35 40 अज्ञात के खिलाफ घर में घुसकर हमले के आरोप लगाते हुए शिकायत की लेकिन उसको दर्ज नहीं किया गया। साथ ही, तत्कालीन थानेदार कृष्णपाल सिंह तथा दारोगा शिवरुद्ध ने जामिया रेजिडेंसी के संचालको के प्रभाव में एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए मोमीन खान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। चार महीने मोमीन खान जेल में रहने के साथ-साथ आठ महीने एयर एडिया से सस्पेंड रहे। जेल से झूठने के बाद पीड़ित मोमीन खान ने जिलाधिकारी से शिकायत करते हुए अपनी तथा मुकदमा दर्ज कराने वालों का रि-मेडिकल की मांग की डीएम के आदेश पर मेडिकल कालेज में डाक्टरों की टीम ने रि-मेडिकल किया।

डीएम के आदेश पर एसएसपी डा. विपिन ताड़ा ने मामले की जांच एसपी सिटी को सौंपी। एसपी सिटी ने सीओ सदर संतोष कुमार सिंह को जांच सौंपी। सीओ सदर ने गत 11 मईको एसएसपी को भेजी जांच रिपोर्ट स्पष्ट लिखा कि अमीर मोहम्मद के भाई व वसीम के द्वारा सरकारी मेडिकल में आई सिम्पल प्रवृत्ति की चोटों को बदलकर गंभीर किस्म की चोट दिखाने के लिए हेल्थ केयर इमेजिंग सेंटर से वसीम की एनसीसीटी हेड की रिपोर्ट के आधार पर 14 नवंबर 2023 की प्राइवेट भाग्यश्री हॉस्पिटल सप्लीमेंट रिपोर्ट विवेचक को उपलब्ध कराई गई। इससे वादी पक्ष की बदनीयती प्रदर्शित होती है। सीओ सदर ने जांच आख्या में स्पष्ट लिखा कि मोमीन से संबंधित प्रकरण मे तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक कृष्णपाल सिंह द्वारा अपने पदीय दायित्वों का निवहन सही ढंग से नहीं किया गया। एक पक्षीय कार्रवाई की। मोमीन की तहरीर प्राप्त होने के बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। दारोगा शिवरुद्ध सिंहने मोमीन को गिरफ्तार कर तथा अन्य अभियुक्तों के खिलाफ मात्र दबिश देकर विवेचना को अनावश्यक रूप से लंबित रखने, शिथिलता, स्वेच्छारिता बरतने, अपने पदीय दायित्व का सही ढंग से निर्वहन न करने का दोषी पाया जाता है।

वहीं, इस संबंध में एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने 13 जनवरी 2025 को प्रकरण में जांच की संस्तुति की। उन्होंने संस्तुति करते हुए लिखा, विवेचक शिवरूद्ध सिंह के द्वारा एक्सरे रिपोर्ट, डाक्टर के बयान एवं साक्ष्य संकलन किए बिना ही चार नवंबर 2023 को आनन-फानन में एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए मोमीन उर्फ छोटू को गिरफ्तार कर अभियुक्त का रिमांड स्वीकृत करा दिया गया। साथ ही, तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक कृष्णपाल सिंह व विवेचक शिवरुद्ध सिंह द्वारा अपने पदीय दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन न करते हुए एक पक्षीय कार्रवाई की गई। इसलिए तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक व विवेचक के विरुद्ध प्रारंभिक जांच की किए जाने की संस्तुति की जाती है।

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