मेरठ 04 अप्रैल (प्र)। 12 वर्षीय बालक की हत्या कर शव बाजोट गांव के खेत में शहतूत के पेड़ पर लटका दिया गया। पुलिस व फोरेंसिक टीम ने जांच पड़ताल के बाद शव मर्चरी भेजा। शव की पहचान नहीं हो पाई है। पेड़ से 20 मीटर दूर बालक की चप्पल मिली हैं। उसके पजामे का नाडा भी बरामद हुआ है। माना जा रहा है कि इसी ना से पहले उसकी हत्या की गई और फिर नाड़े से ही शव को पेड़ पर लटका दिया गया।
सीओ आशुतोष कुमार ने बताया कि गुरुवार रात नौ बजे बाजोट निवासी राहुल, शावेज व विकास टीटू की ट्यूबवेल पर गए। वह रोज यहां घूमने आते हैं। उन्होंने शहतूत के पेड़ पर एक बालक का शव लटका देखा। उन्होंने टीटू को जानकारी दी। सीओ व लोहियानगर थाना पुलिस के साथ ही फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई। सीओ ने बताया कि बालक का शव पेड़ की टहनी से बंधे एक नाड़े से लटका था। जमीन से उसके पैर सटे हुए थे। मृत बालक मुस्लिम लग रहा है। कपड़े खेत की मिट्टी से सने हुए थे। बालक के पहने कपड़ों से ऐसा कोई सामान नहीं मिला जिससे उसकी पहचान हो सके।
पुलिस ने कुछ दूर स्थित जिलानी गार्डन कालोनी से लोगों को बुलाया और शव की पहचान कराने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। जांच में पता चला कि जिस नाड़े से वह लटका था वह उसके पजामे का था। सीओ ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही मौत का कारण पता चलेगा। पुलिस आसपास के थानों से भी लापता के बारे में जानकारी जुटा रही है।
आसपास का नहीं तो यहां कैसे पहुंचा बालक
पेड़ से लटके मिले बालक का शव गांव बाजोट, जिलानी कालोनी व आसपास के काफी लोगों को दिखाया गया, लेकिन उसकी पहचान नहीं हो पाई। पुलिस ने आसपास के कई अन्य गांवों में भी वाट्सएप पर उसके फोटो भेजे इंटरनेट मीडिया पर भी फोटो प्रसारित किए गए। बावजूद इसके बालक की पहचान नहीं हो पाई माना जा रहा है कि बालक इस क्षेत्र का नहीं है।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि 12 साल का बालक बाजोट जंगल तक कैसे पहुंचा। ईद व वक्फ बिल संशोधन को लेकर पूरे जिले में अलर्ट है। पुलिस पूरी सतर्कता बरत रही है। ऐसे में कोई कैसे जिंदा या मृत हालत में बालक को लेकर बाजोट जंगल तक पहुंच गया। बाजोट जंगल में बालक का शव मिलने से पूरे ग्रामीण सहमे हुए है। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि बालक की पहचान व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद इस मामले की जांच आगे बढ़ेगी और इन सवालों का जवाब मिल पाएगा।