Monday, November 24

दुल्हन करती रही इंतजार, 20 लाख रुपए नहीं मिले तो नहीं आई बारात, सिपाही दूल्हे के खिलाफ थाने में दी तहरीर

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मेरठ 03 नवंबर (प्र)। मेरठ में दहेज के लालच में एक लड़की की बारात नहीं आई। दुल्हन उसका परिवार सारा दिन मंडप में दूल्हे का इंतजार करते रहे, लेकिन दूल्हा बारात लेकर नहीं आया। अंत में दुल्हन के पिता ने दूल्हे उसके परिवार के खिलाफ दौराला थाने में तहरीर दी है।

दूल्हा यूपी पुलिस में सिपाही बताया जा रहा है। लड़की पक्ष का आरोप है कि दहेज में 20 लाख रुपए नहीं देने पर दूल्हे पक्ष ने ऐन शादी वाले दिन रिश्ता तोड़ा और बारात लेकर नहीं पहुंचे। जबकि परिवार रात तक उनका इंतजार करता रहा।

दौराला के मनोहरपुरी निवासी मास्टर महेश शर्मा ने तहरीर में बताया कि बेटी की शादी बिचौलिया अझौता निवासी अशोक शर्मा के माध्यम से परतापुर के अछरौंडा निवासी गोपाल शर्मा के पुत्र उत्तर प्रदेश पुलिस में कासगंज में तैनात अभिषेक से तय की थी। एक नवंबर को वह परिवार के साथ सगाई करने पहुंचा था। दो नवंबर रविवार को बारात आना तय हुआ। महेश ने बताया वह शादी की तैयारी में जुट गए। हाईवे स्थित फार्म हाउस में शादी की तैयारियां चल रही थी। महेश के दोस्त, पड़ोसी और जानकार दुल्हन को आशीर्वाद देकर लौटने लगे, लेकिन बारात नहीं आई। महेश के साथ परिजनों ने फोन किया तो दूल्हे के पिता ने बारात लाने से इंकार कर दिया।

दूल्हे ने फोन पर कहा उसे 20 लाख रुपये नकद चाहिए। उसकी नौकरी लगने में 20 लाख रुपये खर्च हुए हैं। यह सुनते ही दुल्हन पक्ष का रो रोकर बुरा हाल हो गया। दुल्हन के पिता ने दौराला थाने में तहरीर दी। एसपी सिटी ने बताया कि मामले में विधिक कार्रवाई कर मुकदमा दर्ज कराया है।
दुल्हन के पिता का आरोप है कि उनकी बेटी की शादी परतापुर निवासी अभिषेक पुत्र गोपाल से तय हुई थी। रिश्ता 2 फरवरी 2025 में तय हुआ था। 1 नवंबर को सगाई हुई। 2 नवंबर रविवार को शादी होना था।

शादी दोराला में ही एक विवाह मंडप में होनी थी। दुलहन के पिता ने अपनी तहरीर में बताया कि शादी से पूर्व की रस्मो में दिनांक 2.2.25 को रोका मे प्रार्थी ने अनुमानित 2 लाख रुपए खर्च किये। 1 नवंबर को सगाई में जेवर, 5. लाख रु के इलेक्ट्रिक सामान, फर्नीचर, 1 लाख रु का चैक (ICICI बैंक, दौराला ? दो लाख रु. के कपड़े व अन्य घरेलू सामान व फल और 51 हजार की मिलाई दिया।

2 नवंबर को शादी होना था, बारात सुमित्रा फार्म हाउस मटौर में आनी थी। इसके लिए डेढ़ लाख रुपए में मंडप बुक किया था। खाने का सामान 3 लाख रुपए, हलवाई की मजदूरी 50 हजार रुपए दी जा चुकी थी। इसके अलावा 1 लाख रुपया और खर्चा हो चुका था। तभी रविवार शाम बारात वाले दिन हमलोग बारात की तैयारी कर रहे थे। उसके इंतजार में थे। शाम 5 बजे दुल्हन के पिता ने लड़के वालों को फोन किया और पूछा कि बारात लाने में कितना समय है। तब दूल्हा पक्ष ने कहा कि हमें 20 लाख रुपए चाहिए। तुमने केवल 7 लाख रुपया दिया है।

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