मेरठ 03 जनवरी (प्र)। शहर में हजारों की संख्या में चल रहे अवैध ई- रिक्शा पर कार्रवाई होना तय है। परिवहन विभाग से आरटीआई में ली गई सूचना के आधार पर ई-रिक्शा का अवैध संचालन का मामला अब इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है। हाईकोर्ट में यह मामला जनहित याचिका के तहत मंगलवार को पंजीकृत किया गया।
सामाजिक कार्यकर्ता मनोज चौधरी ने परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस से अलग-अलग आरटीआई में सूचना प्राप्त की। परिवहन विभाग की ओर से सूचना दी गई कि विभाग में कुल 13 हजार 443 ई-रिक्शा पंजीकृत हैं।
एक जनवरी 2020 से लेकर 30 सितंबर 2023 तक का रिकार्ड आरटीआई में दिया गया। बताया गया है कि वर्ष 2020 में 948, 2021 में 4838, 2022 में 3230 और 2023 सूचना देने तक 2442 ई-रिक्शा का पंजीकरण परिवहन विभाग में हुआ। वहीं ट्रैफिक पुलिस की सूचना में अवैध ई-रिक्शा संचालन को लेकर समय-समय पर चलाए गए अभियान और जुर्माना वसूली की जानकारी दी गई।
सामाजिक कार्यकर्ता ने हाईकोर्ट में जनिहत याचिका दायर कर बताया है कि शहर में अवैध तरीके से चल रही बैटरी चालित ई-रिक्शा ने शहर की सड़कों को जाम कर दिया है। मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर दी गई है, जिसकी सुनवाई अगले सप्ताह या दस दिनों में होने की संभावना है। इस मामले में डीएम, कमिश्नर, आरटीओ, एसपी ट्रैफिक, मुख्य सचिव और परिवहन सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ को पार्टी बनाया गया है। उन्होंने दावा किया है कि मेरठ में करीब 60 हजार ई-रिक्शा का संचालन हो रहा है, जिसकी कोई उचित व्यवस्था नहीं है।