Thursday, July 17

भोले बाबा की भक्ति में रंगा शहर, कांवड़ियों का आगमन शुरू

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मेरठ, 17 जुलाई (प्र)। जैसे-जैसे शिवरात्रि का पर्व नजदीक आ रहा है, हाईवे पर शिवभक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। महाशिवरात्रि के निकट आते ही हरिद्वार से कांवड़ लेकर लौट रहे शिवभक्तों का आवागमन शुरू हो गया है। शहर के प्रमुख शिवालयों में सुबह से ही जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठनों ने भंडारों की सेवा शुरू कर दी है। यहां कांवड़ियों के लिए विश्राम, भोजन और चिकित्सा की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। ये भंडारे जगह-जगह लगाए गए हैं ताकि पैदल यात्रा कर रहे कांवड़ियों को कोई असुविधा न हो। फिलहाल पैदल कांवड़ लाने वाले भक्त जिले में पहुंचने लगे हैं, जबकि डाक कांवड़ यात्रा महाशिवरात्रि से एक-दो दिन पूर्व शुरू होगी।
सावन के पवित्र माह में भोले बाबा की आराधना में डूबे कांवड़िये भक्ति की परंपरा को एक नए अंदाज में निभा रहे हैं।
कांवड़ यात्रा अब सिर्फ श्रद्धा का मार्ग नहीं, बल्कि आस्था और फैशन के संगम का प्रतीक बन चुकी है। भक्त कंधों पर भगवान शिव की मूर्ति जोकि चश्मा लगाए हुए हैं, गले में रुद्राक्ष की माला और सिर पर पगड़ी के साथ स्टाइलिश लुक में नजर आ रहे हैं। वहीं स्टाइलिश बाइक पर भोलेनाथ को बैठाकर कांवड़िये तेजी से बढ़ रहे हैं।

भक्ति के रंग में कलश के कवर
कलश के कवर पर “हर हर महादेव”, “बम बम भोले” जैसे मंत्रों की छपाई, भगवान शिव पार्वती के चित्र, शिव तांडव के चित्र, त्रिशूल और डमरू की आकृतियां आस्था को दर्शा रही हैं। कुछ कांवड़िए पर्यावरण जागरूकता को ध्यान में रखते हुए प्लास्टिक फ्री यात्रा अपना रहे हैं। ये कवर साइज व डिजाइन, चित्र के अनुसार इनके दाम हैं। इसमें 100 रुपये से शुरुआत होकर 250 रुपये तक की रेंज सामने आई हैं। गढ़ रोड पर कांवड़ यात्रा का स्टाल लगाते हुए रामकिशन बताते हैं कलश कवर पहले साधारण रहे हैं, लेकिन अब हर हर महादेव, बम बम भोले, महाकाल की छपाई वाले कलश कवर आ रहे हैं।
हरिद्वार से स्टील मटका कांवड़ में गंगाजल लेकर आ रहे शिव भक्तों से बात की तो उन्होंने कहा कि इस बार कांवड़ मार्ग पर स्टील मटका कांवड़ अधिक है। कांवड़िये पहले सामान्य कांवड़ लाते थे। इसमें बांस के डंडे के दोनों ओर छोटी टोकरी बंधी होती थी। अब ट्रेंड बदल रहा है। सामान्य कांवड़ का स्थान स्टील मटका कांवड़ ने ले लिया है। युवा सैकड़ों लीटर जल स्टील कलश मटका कांवड़ में ला रहे हैं। शिवभक्त 11 से 81 लीटर तक गंगाजल स्टील कलश में भरकर चल रहे हैं।

सोशल मीडिया पर भी दिख रहा भक्ति का रंग
शिवभक्ति की इस यात्रा में अब रील्स और सोशल मीडिया पोस्ट का भी असर दिखने लगा है। भक्त खास पोशाक पहनकर भोलेनाथ की महिमा का गुणगान करते वीडियो बना रहे हैं। कुल मिलाकर कांवड़ यात्रा अब एक चलते-फिरते शिव महोत्सव जैसी दिखती है। जहां हर गली, हर सड़क और हर चेहरे पर बस एक ही नाम गूंज रहा है बम बम भोले।

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