Thursday, July 31

आईएएस अधिकारी रिंकू सिंह राही का निर्णय है सराहनीय सरकार ऐसे अफसरो को दे बढ़ावा

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यूपी के शाहजहांपुर जिले की कुरबा तहसील में दीवार के पास खुले में लघुशंका कर रहे युवक को आईएएस अधिकारी रिंकू सिंह राही ने जैसे ही दंडित किया तो वहां बैठे वकीलों ने नाराजगी जताई और कहा कि शौचालय गंदे हैं इसलिए युवक खुले में लघुशंका करने चला गया। इसे दंडित करने से पहले शौचालय साफ कराए जाएं। इस पर एसडीएम रिंकू सिंह मुस्कुराकर बोले कि मेरी व्यवस्था गलत लगी हो तो माफी मांगता हूं। इसके बाद उन्होंने दोनो कान पकड़कर चार बार उठक बैठक की। 2009 में मुजफफरनगर में छात्रवृति घोटाला खोलने में चर्चा में आए रिंकू सिंह ने जहां तक खबरों से लगता है मामले को बढ़ने से पहले ही समाप्त कर दिया। रिंकू सिंह राही की समझ के बारे में पढ़कर यह बात समझ में आई कि अगर अफसर समझदार है और अपने अहम को किनारे कर निर्णय लेने में समय नहीं गंवाता तो हर समस्या का समाधान उसके बवाल बनने से पहले ही किया जा सकता है। खबर पढ़कर मुझे लगता है कि एसडीएम रिंकू सिंह राही का फैसला पूरी तौर पर सही है और सरकार को ऐेसे अफसरों को तैनाती में प्राथमिकता देनी चाहिए जो कब डंडा चलाना है और कब अच्छे शब्दों से जनता से संबंध कायम करने हैं तो आए दिन जिलों में अफसरों की कार्यप्रणाली से सहयोगी नाराज रहते हैं वैसी घटनाओं में कमी आ सकती है। 2009 में मुजफफरनगर में छात्रवृति घोटाला खोल एक सख्त अधिकारी का उन्होंने चेहरा दिखाया तो अब मौके की नजाकत देख अपने आप ही माफी मांग कर उठक बैठक कर मामले को रफा दफा कर दिया। यह निर्णय सराहनीय और उपयोगी है। ऐसा करना किसी प्रशासनिक अधिकारी के लिए संभव नहीं है।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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