Monday, December 23

बढ़ते अपराधों और पुलिस से संबंध जनसमस्याओं के समाधान की मांग को लेकर सुरेश जैन रितुराज ने जो प्रयास किया वो सराहनीय है, इससे सरकार की छवि और सुधरेगी लोकसभा चुनाव में भी मिल सकता है लाभ

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भाजपा शासन में पहली बार ऐसा लगा कि सत्ताधारी दल के नेता भी क्राइम के हालात और उसमें सुधार के लिए किए जाने वाले कार्यों से संतुष्ट नहीं है। अगर निष्पक्ष रूप से सोचें तो यह उनका प्रयास जहां जनहित का और सराहनीय है वहीं आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भी सत्ताधारी दल के लिए लाभकारी होगा। क्योंकि यह किसी से छुपा नहीं है कि अगर कुछ बड़े अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हुई तो कह कोई कुछ भी ले चोरी हत्या लूट छेड़छाड़ की चर्चा ज्यादा सुनने को मिली। उन्हें लेकर आम आदमी में भय भी व्याप्त रहा। इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता। मगर समय समय पर नेताओं के पत्रकार सम्मेलनों व अन्य मौकों पर अपराधों को लेकर उनसे सवाल पूछे जाते रहे हैं लेकिन हमेशा हमने अपराध रोकने के लिए सख्त प्रयास किए हैं। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के आदेश हैं कि अपराध ना बढ़ने पाए जैसे शब्द ही सुनने को मिलते थे। गत दिवस पहली बार अभी पिछले दिनों भाजपा महानगर अध्यक्ष बने सुरेश जैन रितुराज उर्जा राज्यमंत्री डॉक्टर सोमेंद्र तोमर, कैंट विधायक अमित अग्रवाल, एमएलसी धर्मेद्र भारद्वाज, महापौर हरिकांत अहलूवालिया, एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल, भाजपा नेता जयवीर सिंह, कमल दत्त शर्मा को लेकर कप्तान आवास पर पहंुच गए। जहां टीपीनगर से गायब पांच साल की बच्ची किटटू की बरामदगी, बोरे में मिली महिला की सिरकटी लाश, चोरी की वारदातों, आदि के साथ ही बीते दिनों लोहियानगर फैक्ट्री में हुए विस्फोट में अधिकारियों द्वारा पटाखे नहीं मिलने के मुददे को विस्तार से उठाया और कार्रवाई किए जाने की बात कहते हुए कहा गया कि ऐसी घटनाओं से लोगों का विश्वास खत्म होता है। सरकार की छवि खराब होती है। ऐसा ना हो इसलिए सच के मुताबिक कार्रवाई हो। भाजपाईयों का कहना था कि रंजिशन होने वाली हत्याओं का ग्राफ बढ़ा है। खरखौदा के अतराड़ा में मिली महिला की लाश के बारे में भी चर्चा की गई। कुल मिलाकर सरकार की चिंताओं से ऐसे मामलों मंे एसएसपी को अवगत कराने के साथ ही अच्छे कार्यों के लिए उनकी पीठ भी थपथपाई गई। कहा गया कि जनता अपराध मुक्त प्रदेश की परिकल्पना रखती है। अधिकारी अपराध मुक्त सरकार की कल्पना को साकार करने के लिए अधिकारी कोताही ना करें। जनपद में जीरो टॉलरेंस की नीति होनी चाहिए। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने जनप्रतिनिधियों की सभी बातें ध्यान से सुनी और भरोसा दिलाया कि मेरठ पुलिस अपराध नियंत्रण में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। अगर कोई लीकेज है तो उसे भी दूर किया जाएगा। सीएम की मंशा के अनुरूप अपराध मुक्त मेरठ की कल्पना साकार की जाएगी। उन्होंने कहा कि हर माह जनप्रतिनिधियों के साथ रूटीन बैठक होती है। जिसमें मिली शिकायतों का निस्तारण भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि लोहियानगर मामले में जांच चल रही है। सच के अनुरूप ही कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
बंद कमरे में भाजपाईयों ने क्या कहा और एसएसपी ने क्या जवाब दिया यह तो किसी को नहीं पता क्योंकि जितना जनप्रतिनिधियों ने बताया वो ही खुलकर सबके सामने आया। मगर इस मुलाकात को लेकर यह जरूर कहा जा सकता है कि अपनी ही सरकार में बढ़ते अपराधों पर एसएसपी से मिले और कानून व्यवस्था पर चिंता जताते हुए यह कहा जाना कि कप्तान साहब ठीक नहीं है क्राइम के हालात एक संदेश स्थानीय नेताओं और मंत्री ने दिया कि सरकार किसी भी बात से अनभिज्ञ नहीं है और सुधार की आवश्यकता को नकारा नहीं जा सकता। क्योंकि एक प्रकार से देखें तो जो नेता उनसे मिलने गए उन्हें इस शहर की कैबिनेट कह सकते हैं। इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि जो बात बंद कमरे में हो रही थी वो मुख्यमंत्री तक भी जरूर पहुंची होगी और 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अगर कानून व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ और जनता का फीडबैक अच्छा नहीं रहा तो सरकार कोई भी फैसला इन नेताओं के सुझाव पर ले सकती है। फिलहाल तो मैं इस शहर के नागरिकों की ओर से खासकर जमीन से जुड़े सोच से साहित्य प्रेमी पार्षद रह चुके और जैन समाज में सक्रिय पूर्व में भाजपा अध्यक्ष व अल्पसंख्यक आयोग का सदस्य रहते हुए सुरेश जैन रितुराज को शहर की गली मोहल्लों की समस्याओं से लेकर नागरिकों की परेशानी का भी भरपूर ज्ञान है और वह यह भी जानते हैं कि किस बात के कब क्या परिणाम हो सकते है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का आशीर्वाद भी उन्हें प्राप्त है। शायद इसीलिए वह यह सकारात्मक कदम उठा पाए जिसके लिए उन्हें बधाई। क्यांेंकि नागरिक समय के अभाव में अपनी बात कह नहीं पाते और जो कह सकते हैं वो किसी घटना से दो चार ना होना पड़े इसलिए बचते हैं। लेकिन गत दिवस महानगर अध्यक्ष जनता की आवाज बने और वो वरिष्ठ नेताओं से भी हालात अफसर के सामने रखवाने में सफल रहे जो कोई मंझा हुआ संवेदनशील राजनेता ही कर सकता है। और यह बात विश्वास से कही जा सकती है कि इस प्रयास का लाभ आगे चलकर चुनावों में सत्ताधारी दल को मिल सकता है।

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