मेरठ, 12 अगस्त (प्र)। आज दूसरे दिन किसान धरने पर बैठे हैं। रातभर किसान बारिश में बैठे भीगते रहे। भाकियू टिकैत गुट के किसानों का कहना है कि गन्ना मूल्य हमें उतना भी नहीं मिल पा रहा है, जितनी लागत उस फसल को पैदा करने में आ रही है।
पिछले मीटर हटाकर स्मार्ट मीटर लगाने की योजना सरकार चला रही है। वो पहले जनता को इसके लाभ बताएं। न स्मार्ट मीटर लगाने देंगे, न किसानों का शोषण होने देंगे। जब तक हमारी सभी 150 मांगें पूरी नहीं होंगी, धरना जारी रखेंगे।
किसान कमिश्नर से बात करने के लिए अड़े रहे। फिर आज सुबह किसानों को बातचीत के लिए कमिश्नर की ओर से बुलाया गया। कमिश्नर कार्यालय पर किसानों के प्रतिनिधि मंडल के 20 लोग पहुंचे। हालांकि, कमिश्नर नहीं आए।
डीएम डॉ. वीके सिंह, सीडीओ नूपुर गोयल, एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह, सीएमओ डॉ. अशोक कटारिया, नगर आयुक्त सौरभ गंगवार समेत प्रशासनिक अधिकारियों के साथ करीब 2 घंटे मीटिंग चली।
मीटिंग के बाद किसानों ने कहा कि हमारी मांगों को प्रशासन ने नहीं माना। प्रशासन का यह तानाशाह रवैया है। हम लोग अपना धरना जारी रखेंगे। फिर से करीब 250 किसान कमिश्नर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। यहीं पर खाना बनाकर खाया। फिर दूसरे दौर की मीटिंग शुरू हुई।
किसानों की मुख्य मांगें
किसानों को यूरिया नहीं मिल रही है। मिलती है तो उसके साथ अन्य दवाएं लेनी पड़ती हैं।
किसानों की ट्यूबवेल की बिजली फ्री की जाए।
स्मार्ट मीटर क्यों लगाए जा रहे हैं, क्या पहले के मीटर खराब थे। मीटर न बदले जाएं।
किसानों के गन्ने का मूल्य 450 रुपए प्रति क्विंटल होना चाहिए।
मेरठ के अब्दुल्लापुर क्षेत्र के एक किसान की मौत हुई। छह लाख रुपए और मृतक की पत्नी को नगर निगम में नौकरी अब तक नहीं मिली। इसे दिया जाए।
भाजपा सरकार ने आश्वासन दिया कि गन्ने का भुगतान 14 दिन में होगा। भुगतान नहीं हो रहा। समय पर दाम मिले।
एनएचएआई द्वारा किसानों की चकरोड पर कब्जा किया गया, जिससे हम लोगों को खेत जाने में परेशानी हो रही। रास्ता दिया जाए।तहसीलों में दाखिल खारिज करने में लेखपाल रिश्वत ले रहे। इस पर रोक लगे।
मेरठ विकास प्राधिकरण किसानों की भूमि को कब्जा रही है, इस पर कार्रवाई हो।