मेरठ 30 अप्रैल (प्र)। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लागू की गई ई-पॉस मशीन को कांटे से कनेक्ट करने की नीति उपभोक्ताओं और राशन विक्रेताओं के लिए मुसीबत का सबब बन गई है। प्रदेश भर में लागू की गई नई व्यवस्था के कारण राशन वितरण के काम में काफी समय लगने लगा है। आपूर्ति कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार मेरठ जनपद में 885 कोटेदारों के माध्यम से करीब पांच लाख 52 हजार राशन कार्ड धारकों में प्रतिमाह एक लाख कुंतल खाद्यान्न का वितरण किया जाता है। राशन कार्ड धारकों को मिलने वाले खाद्यान्न में घटतौली को रोकने के लिए शासन ने नई व्यवस्था शुरू अप्रैल माह से ही लागू की गई है। जिसके अंतर्गत कोटेदार के कांटे को ई-पॉस मशीन से लिंक कर दिया गया है।
इससे जितने यूनिट का बॉयोमीट्रिक सत्यापन होता है, उतने ही राशन की तौल की जाती है। सरकार की यह नीति उपभोक्ताओं को कम राशन देने की शिकायतों पर रोक लगाने के लिए लागू की गई है। मेरठ जनपद में अप्रैल माह का राशन नई मशीन और कांटे के माध्यम से वितरित किया जा रहा है। इस व्यवस्था में दिक्कत यह सामने आई है कि पूरा राशन तौले बिना मशीन अगले उपभोक्ता को राशन देने की अनुमति नहीं देती है। जबकि पूर्व की व्यवस्था में राशन की दुकान पर एक जगह बॉयोमीट्रिक सत्यापन के बाद पर्ची बनाकर देने और दूसरे स्थान पर राशन तौलकर देने का काम होता रहा है। नई व्यवस्था में मशीन और कांटे एक साथ कनेक्ट हो गए हैं।
यानि जब तक एक कार्डधारक अपना राशन लेकर हट नहीं जाता, तब तक दूसरे कार्डधारक को बॉयोमीट्रिक सत्यापन से लेकर राशन देने तक की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाती। इस व्यवस्था में कनेक्टिविटी की समस्या भी अधिक उत्पन्न हो रही है। एआरओ किशोर कुमार ने इस संबंध में कहा कि राशन की घटतौली और कालाबाजारी की शिकायतों को समाप्त करने के लिए शासन स्तर से नई व्यवस्था लागू की गई है। उन्होंने स्वीकार किया कि इसमें कुछ अधिक समय लगना स्वाभाविक है, लेकिन अब यही विकल्प है।
ई-पॉस मशीनों को ई-कांटे से लिंक किया गया है, जिससे तौले जाने वाले खाद्यान्न की सूचना सीधे वेबसाइट पर प्रदर्शित होती है। कम मात्रा होने पर मशीन खाद्यान्न के तौल की स्वीकृति प्रदान नहीं करती है। कार्ड धारक का ईपॉस मशीन अंगूठा लगाने के साथ ही इलेक्ट्रानिक मशीन में चावल व गेहूं का वजन फीड हो जाता है। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए प्रदेश स्तर पर वेंडर्स के माध्यम से नई ई पॉस मशीन और कांटे उपलब्ध कराने का काम कराया गया है।