मेरठ 09 अप्रैल (प्र)। महिला जिला अस्पताल में जन्मे शिशु का जन्म प्रमाण पत्र डिस्चार्ज के साथ मिलेगा। यह बिना नाम का होगा। 21 दिन के अंदर स्वजन शिशु का नाम अंकित करा सकेंगे। पदभार संभालने के बाद नई प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका डा. मीनाक्षी सिंह ने यह निर्देश जारी किए हैं। साथ ही अस्पताल के चिकित्सकों-कर्मचारियों को हिदायत दी है कि मरीजों से अवैध वसूली की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। यदि ऐसा हुआ तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
डा. मीनाक्षी सिंह का ललितपुर जिला महिला अस्पताल से यहां स्थानांतरण हुआ है। वह ललितपुर में भी इसी पद पर थीं। मंगलवार को उन्होंने अस्पताल की ओपीडी से लेकर लेबर रूम सहित सभी वार्डों का निरीक्षण किया। इस दौरान प्रसव बाद डिस्चार्ज के दौरान जन्मे शिशु के जन्म प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली।
निर्देश दिया कि नियम के अनुसार महिला जिला अस्पताल में जन्मे शिशु का बिना नाम का जन्म प्रमाण पत्र डिस्चार्ज के समय ही स्वजन को दिया जाएगा। उन्हें बताया जाएगा कि 21 दिन के अंदर शिशु का नाम तय करके नाम इसमें अंकित करा लें। इस अवधि के बाद आने पर एक हलफनामा देना पड़ेगा। साथ ही मेडिकल रिकार्ड चेक करके नाम अंकित किया जाएगा।
महिला जिला अस्पताल में जन्मे शिशु को डिस्चार्ज के साथ जन्म प्रमाण पत्र मिलने से अब स्वजन को इसके लिए नगर निगम में चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका डा. मीनाक्षी सिंह ने बताया कि यह व्यवस्था से पहले से है, लेकिन इसका पालन बहुत कम अस्पतालों में होता है। महिला जिला अस्पताल में जन्म प्रमाण पत्र बनाकर देने की आदर्श व्यवस्था बनाई जाएगी। भर्ती के वक्त गर्भवती का आधार कार्ड लिया जाएगा। आनलाइन मेडिकल रिकार्ड भी संरक्षित किया जाएगा।
मेरठ को मिलीं 10 नई एंबुलेंस, गर्भवती व गंभीर मरीजों की मिलेगी त्वरित सहायता
प्रदेश सरकार ने जिले को एक तोहफा दिया है। 10 नई एंबुलेंस मिल गई हैं। चार 108 एंबुलेंस भी जल्द आ जाएंगी। सुबह अपने कार्यालय के बाहर सीएमओ ने नारियल फोड़कर व हरी झंडी दिखाकर मरीजों की सेवा में समर्पित किया।
नई एंबुलेंस आने से अब 102 एंबुलेंस 42 हो गई हैं। 108 एंबुलेंस 41 हो जाएंगी। अभी 37 हैं। जनपद में एंबुलेंस की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी । प्रतिदिन 70 से 80 काल आती हैं। अक्सर एंबुलेंस खराब होने पर मरीज तक समय से नहीं पहुंच पाती थीं। अब नई एंबुलेंस से यह कमी काफी हद तक दूर होगी। गर्भवती महिलाओं, गंभीर मरीज, सड़क हादसे के घायलों, गंभीर रूप से बीमार नवजात शिशुओं को समय से सहायता मिल सकेगी। शासन के रिकार्ड में मेरठ जनपद एंबुलेंस सेवा के मामले में ए प्लस श्रेणी में शामिल है। यह श्रेणी अच्छी सुविधा के लिए मानी जाती है। सीएमओ डा. अशोक कटारिया ने कहा कि आधुनिक सुविधाओं से एंबुलेंस लैस हैं। इनमें चालक के साथ एक ट्रामा तकनीशियन की ड्यूटी रहती है। जो इमरजेंसी में मरीजों को प्रारंभिक उपचार दे सकता है। मरीज का स्ट्रेचर और स्वजन के बैठने की सुविधा के साथ आक्सीजन सिलेंडर, मानीटर, आइबी फ्लूड मलहम पट्टी, इंजेक्शन सहित जरूरी दवाएं मौजूद रहेंगी। चार एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस भी मौजूद हैं। इस मौके पर ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के प्रोग्राम मैनेजर आदित्य राणा मौजूद रहे।
साल भर में 2.53 लाख मरीजों को पहुंचाया अस्पताल
जनपद में चलने वाली 102 व 108 एंबुलेंस इमरजेंसी में कितनी मददगार है। यह स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बयां कर रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2.63 लाख मरीजों को इमरजेंसी में सामुदायिक अस्पताल, जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल चिकित्सालय पहुंचाया है। 102 एंबुलेंस का उपयोग 1.80 लाख और 108 एंबुलेंस का 82 हजार मरीजों ने अस्पताल पहुंचने में किया है।