मेरठ 20 सितंबर (प्र)। जिले के 17 हजार इनकम टैक्स चुकाने वाले लोग गरीबों का राशन ले रहे हैं। शासन ने जिलापूर्ति अधिकारी को सूची भेजी तो इसका खुलासा हुआ। अब इन अपात्रों के राशन कार्ड निरस्त करने प्रक्रिया शुरू हो गई है। अब तक सात हजार लोगों के कार्ड खारिज किए जा चुके हैं। इसी महीने सभी राशन कार्ड निरस्त किए जाएंगे।
जिले में पात्र गृहस्थी और अन्त्योदय 551658 राशन कार्ड हैं। राशन कार्ड में सदस्यों की संख्या 2452769 लाख इनमें से 17 हजार से अधिक राशन कार्ड धारक ऐसे पाए गए हैं जो आयकर दाता है। जिनकी सूची सार्वजनिक हो गई है। ये लोग हर महीने 100 क्विंटल राशन ले रहे थे।
सरकार कोरोना के समय से सभी राशन कार्ड धारकों को निशुल्क राशन दे रही है। तब से राशन कार्ड बनवाने की लाइन में अमीरों की संख्या भी बढ़ गई। शहर से देहात तक यही हाल है। देहात में जहां 20-20 बीघा जमीन के किसान सरकारी राशन ले रहे हैं, वहीं शहर में सरकारी नौकरी और बड़ा व्यापार करने वालों के अंगूठे से भी राशन निकल रहा है।
राशन वसूली का नहीं हुआ असर
राशन वितरण और राशन कार्ड में फर्जीवाड़े को लेकर आपूर्ति विभाग सुर्खियों में रहा है। गरीबों के राशन कार्डों में अमीरों को जोड़कर सरकारी राशन को डकारने का काम किया गया। पूर्व में सरकार ने अपात्रों पर शिकंजा कसने के लिए राशन की रिकवरी करने के आदेश जारी किए थे, जिसके बाद काफी अमीरों ने राशन लेना बंद कर दिया था। अब सरकार ने राशन कार्ड धारक अमीरों के नाम की सूची आयकर विभाग को भेजी तो सबकुछ खुलकर सामने आ गया।
जिलापूर्ति अधिकारी विनय सिंह का कहना है कि शासन से आयकरदाता राशन कार्ड धारकों की सूची मिली है। इसके आधार पर अमीरों के राशन कार्ड
निरस्त किए जा रहे हैं। अब तक सात हजार से अधिक राशन कार्ड निरस्त किए गए हैं। केवाईसी के माध्यम से भी राशन कार्डों से सदस्यों के नाम हटाए जा रहे हैं।