मेरठ 07 अक्टूबर (प्र)। सेंट्रल मार्केट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए शासन, जिला प्रशासन, आवास एवं विकास परिषद के अलावा सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों से 15 दिन के अंदर जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 27 अक्टूबर को होगी।
अवमानना याचिकाकर्ता एवं आरटीआई एक्टिविस्ट लोकेश खुराना ने बताया कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की खंडपीठ में अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने शासन, जिला प्रशासन, आवास विकास परिषद एवं व्यापारियों को नोटिस जारी कर 15 दिन में कार्रवाई का जवाब मांगा है। हालांकि आदेश अपलोड नहीं हो सका है।
सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल मार्केट में आवासीय भूखंडों पर भू उपयोग परिवर्तन कर किए गए व्यावसायिक अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के आदेश दिए थे। संबंधित व्यापारियों को तीन माह में परिसर खाली करने का समय दिया था। इसके बाद 15 दिन में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करनी थी लेकिन अब तक नहीं की गई।
खुद हटा लेंगे अवैध निर्माण : व्यापारी
सेंट्रल मार्केट मामले में सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल होने के बाद जिला प्रशासन ने सोमवार को पुलिस लाइन सभागार में आवास एवं विकास अधिकारियों और संबंधित कॉम्पलेक्स संख्या 661/6 के व्यापारियों के साथ बैठक की।
एडीएम सिटी ब्रजेश सिंह ने व्यापारियों से कहा कि प्रशासन को सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करना है। व्यापारी व्यावसायिक गतिविधि बंद कर प्रशासन का सहयोग करें और अवैध निर्माण हटा लें। व्यापारी नेता किशोर वाधवा ने कहा व्यापारियों ने नई आवास नीति के तहत राहत पाने को आवास एवं विकास परिषद लखनऊ के प्लानिंग विभाग में आवेदन दिया है। शमन में जितना भी खर्चा आएगा उसे व्यापारी वहन करने को तैयार हैं। शमन से इतर अवैध निर्माणों को व्यापारी स्वयं हटा लेंगे। आवास एवं विकास परिषद के अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार और अधिशासी अभियंता आफताब अहमद ने बताया व्यापारियों को परिसर खाली करने के नोटिस दिए जा चुके हैं। अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण का टेंडर हो चुका है। लेकिन व्यापारियों ने परिसर खाली नहीं किए हैं। बैठक में व्यापारी राजीव गुप्ता, रजत गोयल, एडवोकेट अंजनेय सिंह, दलजीत सिंह, डॉ संजय गोयल, विपुल सिंघल, राजेंद्र बड़जात्या, हरेंद्र चौहान, राकेश मदान मौजूद रहे।