Tuesday, October 14

सत्ता की धमक और पहलवानी का जोर ताकत का रौब धरा का धरा रह जाएगा, हाथी और चींटी व चूहे के प्रकरण से तो यही साफ होता है

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आदमी कितना ही बलशाली और दबंग तथा अपने आप को सर्वोप्रिय समझने वाला क्यों ना हो लेकिन अगर पैर में कांटा चुभता है तो दर्द उसे भी होता है। इन शब्दों का उल्लेख करने का मतलब सिर्फ इतना है कि भगवान के अलावा कोई सर्वशक्तिमान कोई नहीं है। आप देखिए कि कुछ स्थानों पर ऐसी व्यवस्थाएं की जाती है उनके बारे में कहा जाता है कि वहां हवा भी प्रवेश नहीं करती और उनके बिना तो चिड़िया भी पर नहीं मारती। ऐसा कहने वाले किस आधार पर कह रहे हैं यह तो वाही जाने लेकिन देश में चींटी और चूहों से ज्यादा ताकतवर कोई नहीं है। क्योंकि इस किवंदती से कोई भी अनभिज्ञ नहीं है कि अपने पैर से सबको कुचलने वाले हाथी की सूंड में जब चींटी घुस जाती है तो उसका क्या हाल होता है यह किसी को बताने की जरुरत नहीं है। ऐसे ही चूहे की पहुंच कितनी है इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि चीन जैसे देश में भी चूहों से निपटने के लिए बड़ी व्यवस्थाएं की जा रही है तो हमारे यहां खबरों से पता चलता है कि जिस विमान तक कई प्रकार की जांच के बिना कोई नहीं जा सकता वहां चूहे चले जाते हैं और चाहे किसी की भी कुर्सी या मेज हो वहां गंदगी करते हैं। बीते दिनों पता चला कि रेल में चूहे ने उधम मचा दिया तो गोदामों में खाद्यान्नों को बचाने के ेलिए व्यवस्थाएं खूब की जाती हैं मगर बस किसी का नहीं चल रहा है। घरों में घुसने के लिए यह दरवाजों या फ्रिज के गेट को काटकर अपना रास्ता बना लेते हैं। ऐसी ताकतवर चींटी और चूहे के बारे में जो यह लिखने की इच्छा कि उसके पीछे कारण है कि एक सज्जन बड़ी डींगे मार रहे थे। कुछ दिन बाद पता चला कि वो बहुत परेशान है और पता चला कि चूहों ने नाक में दम कर रखा है। एक परिचित के यहां कुर्सी पर बैठने को हुआ तो उन्होंने कहा कि कपड़े से झाड़ लेने दो क्योंकि चिटियां बहुत हैं और कपड़ों में घुसकर काटती हैं।
भगवान गणेश की सवारी माने वाले चूहें अब मंदिरों में भी खूब घुमते हैं। इसलिए बलशाली और शक्तिशाली लोगों को यह गलतफहमी दूर कर लेनी चािहए कि उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। चूहे और चींटी का उदाहरण इसलिए दिया क्योंकि यह जगजाहिर है कि बड़ों बड़ों को बच्चों ने सबक सिखाया है इसलिए गरीबों व मजबूरों के हितों पर कुठाराघात कर आप कुछ गलत कर रहे हैं तो संभल जाओ। जब बुरा वक्त आता है तो भगवान को याद किया जाता है। इसलिए आप कितने ही बड़े पहलवान हो तो आग्रह है कि कमजोरों का उत्पीड़न बंद करो वरना राजनीतिक गलियारों की पहुंच सब धरी रह जाएगी
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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