Thursday, November 13

हर थाने में बनेगा महिला सहायता केंद्र, 25 पुलिसकर्मियों का रहेगा स्टाफ

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मेरठ 17 सितंबर (प्र)। महिला थाने के बाद सरकार ने अब प्रत्येक पुलिस थाने में ही महिला सहायता केंद्र खोलने का निर्णय लिया है। पहले से थानों में संचालित महिला हेल्प डेस्क को बंद करने का निर्णय लिया गया। उक्त महिला सहायता केंद्र में अलग से प्रभारी की तैनाती होगी। बड़े थानों में इंस्पेक्टर जबकि छोटे थानों में दारोगा प्रभारी नियुक्त होंगे। महिलाओं से जुड़ा प्रत्येक अपराध सहायता केंद्र पर ही सुना जाएगा। वहां तैनात स्टाफ से ही अफसर जवाब तलब करेंगे। इसी सप्ताह इसका संचालन शुरू हो जाएगा।

प्रदेश सरकार ने हर जिले में महिला पुलिस थाने खोले गए थे, ताकि महिलाएं अपनी शिकायत महिला पुलिस अधिकारी को बता सकें। इसके बाद पुलिस थानों में ही महिला हेल्प डेस्क खुलीं। महिला अपराध रोकने में महिला हेल्प डेस्क प्रभावहीन दिखीं। यही कारण है कि सरकार महिला हेल्प डेस्क को बंद कर इनके स्थान पर प्रत्येक थाने में महिला सहायता केंद्र बनाएगी। बड़े थाने में इंस्पेक्टर को प्रभारी और पांच दरोगा, 17 कांस्टेबल और दो होमगार्ड की तैनाती की जाएगी। वहीं छोटे थाने में दारोगा प्रभारी होंगे। पांच दारोगा, पांच सिपाही और दो होमगार्ड की तैनाती होगी।

ये होगा फायदा
महिला निसंकोच अपनी समस्या को महिलाओं के सामने बता सकेगी।
महिला अपराध के मामलों की तत्काल सुनवाई हो सकेगी।
सीओ भी केंद्र पर आए मामलों की हर रोज मानीटरिंग करेंगे।
महिलाओं के मामलों में कोर्ट तक सजा दिलाने की जिम्मेदारी होगी।

सहायता केंद्र का कार्य
महिला सहायता केंद्र का अलग से मोबाइल नंबर जारी होगा।
महिला संबंधित अपराधों की विवेचना भी केंद्र पर तैनात पुलिसकर्मी करेंगे।
थाने पर आने वाली महिला की सुनवाई के लिए केंद्र पर तैनात स्टाफ करेगा।

एसएसपी डा. विपिन ताडा का कहना है कि प्रदेश सरकार ने प्रत्येक थाने में महिला सहायता केंद्र खोलने का निर्णय लिया हैं। इसके लिए थाने में रूम अलग से बनाया जाएगा। फिलहाल उसे महिला हेल्प डेस्क के स्थान पर खोला जाएगा। इसी सप्ताह केंद्रों पर स्टाफ की तैनाती होगी। स्टाफ की सूची बन रही है। महिला अपराध से जुड़े मामले इन केंद्रों पर ही सुने जाएंगे।

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