Friday, November 22

पौने 5 करोड़ के गबन मामले में शामली के डीसीओ समेत 11 निलंबित

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लखनऊ/शामली 30 अक्टूबर। यूपी की योगी सरकार शुरू से ही जीरो टॉलरेंस नीति के तहत काम कर रही है। इसी के तहत शामली में जिला गन्ना अधिकारी समेत 11 लोगों पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। मामला अमरोहा में हुए पौने पांच करोड़ के गबन से संबंधित है। यह सभी लोग एसआईटी की जांच में गबन के दोषी पाए गए हैं। योगी सरकार के आदेश पर शासन स्तर से की गई इस कार्रवाई के बाद पूरे महकमे में हड़कंप मचा है। इस मामले में अमरोहा पुलिस ने मार्च 2023 में गबन के मुख्य आरोपी आशीष सैनी को जेल भेजा था।

दरअसल, साल 2022 में गन्ना विभाग अमरोहा में पौने पांच करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आया था। इस मामले में उप गन्ना आयुक्त मुरादाबाद ने तीन सदस्यीय कमेटी को जांच सौंपी थी। इस जांच में जिला गन्ना अधिकारी के कार्यालय में तैनात बाबू आशीष सैनी, वरिष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक गजरौला और गन्ना विकास परिषद चंदनपुर कार्यालय की संलिप्तता पाई गई थी। यानी इनकी मिलीभगत से पौने पांच रुपये का गबन किया गया था। टीम ने साल 2018-19 से साल 2022-23 तक सभी अभिलेखों की जांच की थी।

इसमें पाया गया था कि अमरोहा जिला गन्ना अधिकारी के कार्यालय में तैनात बाबू आशीष सैनी ने अलग-अलग बैंकों से रकम निकाली है। इसके अलावा आशीष सैनी ने गन्ना विकास परिषद गजरौला और चंदनपुर के यूनियन बैंक अमरोहा, केनरा बैंक अमरोह, एचडीएफसी अमरोहा, पीएनबी अमरोहा, केनरा बैंक गजरौला, एक्सिस बैंक गजरौला और जिला सहकारी बैंक के खाते में से रकम ट्रांसफर की थी। इन सभी बैंकों में आशीष सैनी की पत्नी प्रीति सैनी के खाते थे। गबन की पुष्टि पर 16 जुलाई 2022 को तत्कालीन वरिष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक प्रीतम सिंह ने आशीष सैनी के खिलाफ गबन का मुकदमा दर्ज कराया था।

दूसरी ओर, बीते अगस्त में डीसीओ कार्यालय के अभिलेख चोरी हो गए। इसकी जांच के लिए अमरोहा देहात थाने में एससीडीआई प्रीतम सिंह समेत आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसकी जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई। साथ ही विभागीय जांच भी की गई। इस जांच रिपोर्ट में सामने आया कि आशीष सैनी जिस रकम को बैंक से निकालता था। उसपर तत्कालीन अधिकारियों से हस्ताक्षर करवाता था। आशीष सैनी के पास इन सभी कार्यालयों की जिम्मेदारी थी। इसमें अब शामली में तैनात जिला गन्ना अधिकारी विजय बहादुर सिंह, अमरोहा में तैनात जिला गन्ना अधिकारी समेत 9 कर्मचारी दोषी पाए गए। इसके बाद शामली के जिला गन्ना अधिकारी समेत सभी 11 लोगों को सस्पेंड कर दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आया कि पौने पांच करोड़ रुपये का गबन आशीष सैनी ने वरिष्ठ अधिकारियों की मिली भगत से ही किया है। आशीष सैनी द्वारा निकाली गई कुल रकम पर वरिष्ठ अधिकारियों के हस्ताक्षर मिले हैं। ऐसे में उन्हें भी दोषी बनाया गया है।

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