मेरठ 28 फरवरी (प्र)। वर्ष 2019 में लिसाड़ी गेट पुलिस की ओर से पकड़े गए 22 ऊंट अब नहीं मिल रहे। ऊंट को लेकर अब उसका मालिक दूसरी बार हाईकोर्ट पहुंच गया है। हाईकोर्ट ने पुलिस, प्रशासन से जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शम्स ऊ जमां का कहना है कि जब पुलिस ने ऊंट पकड़े तो मालिक को वापस भी करना होगा।
हाईकोर्ट में न्याय की गुहार लगाई गई है। उधर, सिटी मजिस्ट्रेट अनिल कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। लिसाड़ी गेट इंस्पेक्टर से रिपोर्ट तलब की है।
वर्ष 2019 में अगस्त माह में ईद के दौरान पुलिस-प्रशासन ने ऊंट की कुर्बानी पर प्रतिबंध लगा दिया था। उस दौरान 22 ऊंट लिसाड़ी गेट पुलिस ने पकड़ लिये थे। तब बताया गया था कि सभी 22 ऊंट को संरक्षण केंद्र में भिजवा दिया गया। ऊंट मालिक मो. अनस का दावा है कि पकड़े गए ऊंट वापस नहीं मिले, जबकि इस संबंध में कई बार सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट से विधिक स्वामी के पक्ष में ऊंट को सौंपने का आदेश दिया गया। इसके बाद 2022 में मो. अनस ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ऊंट वापस दिलाने की गुहार लगाई गई।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शम्स ऊ जमां का कहना है कि हाईकोर्ट ने 12 जनवरी 2023 को आदेश पारित कर ऊंट वापस दिलाने को कहा। उक्त आदेश का अनुपालन नहीं हुआ। अब पुनः याचिका दायर की गई है। उन्होंने बताया कि इस बार प्रदेश सरकार के गृह सचिव, मेरठ मंडल की कमिश्नर, डीएम, एसएसपी और सिटी मजिस्ट्रेट को पार्टी बनाया गया है। सरकार और प्रशासन से ऊंट वापस दिलाने की गुहार लगाई गई है। जब पुलिस ने जब्त किया है तो वापस भी दिलाने का काम तो करेगी। 18 मार्च को हाईकोर्ट में इसकी सुनवाई होगी।