Thursday, October 17

मेडिकल कालेज में इस बार होंगे 146 शोध

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मेरठ 01 अक्टूबर (प्र)। मेडिकल कालेज में अध्यनरत सभी पीजी छात्र-छात्राओं को कम से कम एक शोध अनिवार्य कर दिया गया है। जो शोध प्रस्तुत नहीं करेंगे, उनको परीक्षा में बैठने से भी रोका जा सकता है। नेशनल मेडिकल कमीशन की गाइडलाइन पर लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज के प्राचार्य ने विभागाध्यक्षों को विषय चयन कर शोध कार्य के लिए निर्देश जारी कर दिया है। 2025-26 में लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज में 146 शोध पूरे होंगे। जिनसे कई गंभीर बीमारियों का इलाज निकलेगा। उपचार की नई तकनीकें और बीमारियों से बचाव के सुझाव सामने आएंगे।

नेशनल मेडिकल कमीशन की गाइडलाइन में स्पष्ट कर दिया गया है कि शोध न करने वाले पीजी छात्र- छात्राओं को परीक्षा देने से रोका जा सकता है। इसकी जिम्मेदारी संबंधित विभागों के विभागाध्यक्ष की भी होगी। मेडिकल कालेज में एमएस (मास्टर आफ सर्जरी) और एमडी (मास्टर आफ मेडिसिन) के कुल 143 छात्र- छात्राएं अध्ययनरत हैं। सपर स्पेशियलिटी में न्यूरो सर्जरी में एमसीएच के दो और एंडोक्राइनोलाजी में डीएम पाठ्यक्रम में एक छात्र हैं। सबसे ज्यादा मेडिसिन में 18, सर्जरी में 17, गायनी में 14, एनेस्थीसिया में 12, नेत्र रोग विभाग में 10 शोध होंगे। फिजियोलाजी, एनाटामी, बायोकेमेस्ट्री, पैथालाजी, माइक्रोबायोलाजी, फोरेंसिक मेडिसिन, नाक कान गला विभाग, कम्युनिटी मेडिसिन, आर्थाेपेडिक, पीडियाट्रिक, मानसिक रोग विभाग और सुपर स्पेशियलिटी में न्यूरोलाजी, न्यूरोसर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, नेफ्रोलाजी और कार्डियोलाजी में शोध कार्य कराए जाएंगे, जबकि टीबी एंड चेस्ट, रेडियोलाजी और रेडियोथिरैपी में पीजी सीट नहीं है।

गंभीर व नई बीमारियों पर केंद्रित होंगे शोध
लेफ्टोस्पाइयरासिस, डायबिटीज, गुर्दा रोग, लकवा, जन्मजात हृदय रोग, खून की नसों में थक्का बनना, मोबाइल स्क्रीन का बच्चों पर प्रभाव, दिमाग की बीमारियों पर केस स्टडी की जाएगी। ओपीडी और भर्ती मरीजों के आंकड़े व उनकी हिस्ट्री को संकलित किया जाएगा। सैंपल सर्वे के माध्यम से भी शोध किए जाएंगे।

लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता का कहना है कि प्रत्येक पीजी छात्र को एक शोध करना होता है। यह पहले भी था, लेकिन अब एनएससी ने अनिवार्य कर दिया है। विभागाध्यक्षों को शोध कार्य प्राथमिकता पर कराने के लिए कहा गया है । चिकित्सा क्षेत्र में शोध और सुपर स्पेशियलिटी का भविष्य है।

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