Thursday, November 13

बढ़ सकते है सर्किल रेट, अफसरों से मांगी रिपोर्ट

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मेरठ 24 मार्च (प्र)। जनपद में संपत्तियों के सर्किल रेट इस वर्ष बढ़ाए जा सकते हैं। जनपद में सर्किल रेट वर्ष 2016 के बाद वर्ष 2022 में बढ़ाए गए थे। उसके बाद से सर्किल रेट नहीं बदले हैं। पिछले दो वर्षों में इसके लिए सर्वे तो किया गया था, लेकिन उन्हें स्वीकृति नहीं मिल सकी। हाल ही में प्रदेश के मुख्य सचिव ने उन जनपदों में सर्किल रेट संशोधित करने का आदेश दिया है जहां कई साल से यह नहीं हुआ है। आदेश के बाद जिला प्रशासन और रजिस्ट्री अधिकारियों ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। सभी सब रजिस्ट्रार से बाजारी मूल्य का सर्वे करके प्रस्ताव मांगे गए हैं।

मेरठ जनपद में पिछले लगभग 10 वर्षों से रैपिड रेल, कई नए राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण और पुरानों का चौड़ीकरण समेत कई विकास परियोजनाओं पर काम चल रहा है। जिनके लिए भूमि का अधिग्रहण किया गया। यही कारण है कि जनपद में वर्ष 2016 से सर्किल रेट नहीं बढ़ाए गए। वर्ष 2022 में कवायद हुई और सर्किल रेट बढ़े, लेकिन उसके बाद फिर दो वर्ष रेट नहीं बढ़े। हालांकि किसान सर्किल रेट बढ़ाने की मांग लगातार कर रहे हैं। जिला प्रशासन हर साल इसके लिए रजिस्ट्री अधिकारियों से रिपोर्ट मांगता है, लेकिन सर्किल रेट परिवर्तित नहीं हो सके। मुख्य सचिव के आदेश से हलचल रू प्रदेश के मुख्य सचिव ने हाल ही में सर्किल रेट को लेकर प्रदेश स्तर पर बैठक की थी। जिसमें उन्होंने उन जनपदों में सर्किल रेट परिवर्तित करने का आदेश दिया है जहां पिछले कुछ वर्षों से रेट नहीं बदले हैं। उन्होंने यह कार्य प्राथमिकता पर करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही मेरठ में भी सर्किल रेट को लेकर हलचल शुरू हो गई है।

एडीएम और एआइजी हुए सक्रिय
मुख्य सचिव के आदेश पर जिला प्रशासन ने यह जिम्मेदारी एडीएम वित्त और एआइजी निबंधन और सहायक महानिरीक्षक निबंधन को सौंपी है। दोनों अधिकारियों ने काम शुरू कर दिया है। उन्होंने जनपद के सभी छह सब रजिस्ट्रार से रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में वे सभी प्रमुख बाजारों, मोहल्लों, कालोनियों और मार्गों की संपत्तियों के बाजारी मूल्य का सर्वे करके उपलब्ध कराएंगे। इसी रिपोर्ट के आधार पर सर्किल रेट बढ़ाने का निर्णय लिया जाएगा।

20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं रेट, बढ़ जाएगी वसूली
विभागीय अधिकारियों की मानें तो जनपद में सर्किल रेट वर्ष 2016 के बाद 2022 में ही बढ़े थे। संपत्तियों का बाजारी मूल्य काफी ऊपर जा चुका है, लेकिन सर्किल रेट कम हैं। अधिकारी बाजारी मूल्य के मुताबिक रिपोर्ट देंगे। जिसमें संपत्तियों के सर्किल रेट में 20 से 30 प्रतिशत तक का इजाफा हो सकता है। जनपद में पिछले वर्ष में 1225 करोड़ रुपये स्टांप शुल्क जुटाने का लक्ष्य था । जिसके सापेक्ष 900 करोड़ से ज्यादा राशि एकत्र हुई थी। सर्किल रेट बढ़ने से विभाग की स्टांप शुल्क की राशि की वसूली भी बढ़ जाएगी।

जिलाधिकारी डा. वीके सिंह के अनुसार मुख्य सचिव ने आदेश दिया। एडीएम वित्त और स्टांप अधिकारी इसके लिए कार्रवाई कर रहे हैं। जनपद में छह सब रजिस्ट्रार हैं। सभी से सर्वे करके रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट और प्रस्ताव आने पर निर्णय लिया जाएगा।

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