Saturday, July 5

चर्चा है मेडा द्वारा नियम विरूद्ध जाकर बेसमेंट के नक्शे पर और अवैध निर्माण के शमन और कंपाउंड करने के किए जा रहे प्रयास

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कुछ माह पहले अदालत द्वारा अलग निर्णयों में यह संदेश दिया गया था कि अवैध निर्माण रोकने और आए दिन इंस्टीटयूट में बच्चों के साथ होने वाली घटनाओ को रोकने के लिए संबंधित विभागों के लोग अवैध निर्माण का शमन शुल्क कंपाउंड ना करे। तथा बेसमेंट की अनुमति ना दी जाए। अगर दी जाए तो उसका पालन नीति के अनुसार कराया जाए। मगर कई जानकारों का कहना है कि इस संदेश को सरकार ने तो आगे बढ़ाया और अफसरों को निर्देश भी दिए थे। मगर पता नहीं क्या कारण है आवास विकास हो या प्राधिकरण के अधिकारी बेसमेंट भी पास कर रहे है। नक्शे के विपरीत निर्माण भी हो रहा है। इनके द्वारा प्रतिबंध के बावजूद ऐसे अवैध निर्माण को शमन करने की कोशिश जारी बताई जा रही है जो किसी भी रूप में शमन नहीं हो सकते।
इसलिए जब इससे संबंध खबर पढ़ने सुनने को मिलती हैं तो सरकारी नियम का पालन करने के लिए कृत संकल्प जाम से परेशान इन इंस्टीटयूट में होने वाली घटनाओं से पीड़ितों को एक दूसरे से यह पूछते देखा जाता है कि प्रदेश में निर्माण नीति शिक्षा नीति संविधान के अनुसार एक है मगर लगता है कि प्राधिकरण और आवास विकास के अधिकारी अपनी हनक और माल कमाने की नीति को ध्यान में रखते हुए अलग ही कानून चला रहे हैं क्योंकि प्रतिबंध के बावजूद कंपाउंड और शमन की तैयारी चल रही है। रोक के बाद भी बेसमेंट बनाने की अनुमति दी जा रही है। कई लोगों का मानना है कि प्राधिकरण और आवास विकास के कुछ अधिकारी किसी नियम को नहीं मानते है। इसलिए मुख्यमंत्री पोर्टल पर जो शिकायत होती है उनमें कच्ची कॉलोनियां एवं अवैध निर्माण का मानचित्र पास है बताकर मामले का निस्तारण किया जाता है। फिलहाल हम मेडा के शमन और कंपाउंड करने से संबंध कुछ अधिकारियों की बात करें तो शहर में अवैध निर्माणों को सांठगांठ के दम पर नियम विरूद्ध अवैध निर्माण की कंपाउंड करने की तैयारी हो रही बताई जा रही है और ऐसे मामलों में मानचित्र स्वीकृत होने के नाम पर हुए अवैध निर्माणों को कंपाउंड करने की तैयारी ऐसे बाजारों में की जा रही है जहां दो कारें आसानी से नहीं निकल सकती जबकि अवैध निर्माणों को तोड़ दिया जाए तो कई वाहन निकल सकते है। मुख्यमंत्री जी मंडलायुक्त तथा जिलाधिकारी के माध्यम से निर्माण नीति और अदालतों के आदेश का पालन कराने हेतु प्राधिकरण के अधिकारियों की मंशा पर अंकुश लगवाने और गलत काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कराइये।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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