Saturday, July 12

अपना घर सुखधाम के प्रबंधकों की सेवा से ठीक होकर आसिफ प्रभुजी परिवार के साथ गये घर

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मेरठ 29 मई (प्र)। निस्वार्थ सेवा में बड़ा प्रभाव होता है और उससे बड़ी से बड़ी समस्याऐं हल हो जाती है। इसका जीता जागता उदाहरण बीते दिनों बागपत रोड़ स्थित ग्राम नंगला जमालपुर में नहर के किनारे विद्या यूनीवर्सिटी के संचालकों द्वारा बनवाये गये प्रभुजी के इलाज हेतु आश्रम सुखधाम अपना घर में बीती 2 मई को भरतपुर से आये प्रभुजी का इसके निर्माणकर्ताओं में विद्या यूनीवर्सिटी के कुलाधिपति प्रदीप जैन तथा विशाल जैन द्वारा उनका स्वागत तिलक लगाकर व आरती उतारकर डा0 अमित अग्रवाल व सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए के राष्ट्रीय महामंत्री अंकित बिश्नोई फिल्म अभिनेता कबीर सिंह गिरीश थापर और आरकेबी फाउंडेशन के संस्थापक रवि कुमार बिश्नोई आदि की मौजूदगी में किया गया था।

लगभग ढाई सौ प्रभुजी के रहने खाने व इलाज तथा शुद्ध पर्यावरण का माहौल उपलब्ध कराने के लिए बने अपना घर सुखधाम के पहले चरण में अपना घर आश्रम भरतपुर मुख्यालय से 25 प्रभुजी यहां पहुंचे थे। प्रदीप जैन व विशाल जैन की देखरेख में हो रही उनकी सेवा का परिणाम यह निकला कि प्रभुजी आसिफ की याद वापस आई तो उन्होंने यहां की व्यवस्था देख रहे लोगों और प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों को बताया कि वो नादेड महाराष्ट्र के रहने वाले है। जब खोज खबर कर परिवार के सदस्यों को सूचना दी गई तो पता चला कि प्रभुजी आसिफ एक साल पहले घर से निकले थे। जिन्हें परिवार वालों ने खूब ढूंढा लेकिन मिलने की आशा खत्म हो चुकी थी। ऐसे में उन्हें लेने आये उनकी माता जी मामी जी और नानी जी ने सुखधाम पहुंचकर बताया कि वो तो मिलने की आश ही खो चुके थे। जब आप लोगों ने खबर दी तो हमारे यहां जश्न का माहौल हो गया। तथा अपने पुत्र से मिलने की खुशी उनके चेहरों पर झलक रही थी। अपना घर सुखधाम के लोगों ने बताया कि वो आसिफ प्रभुजी को अपने साथ ले गये और काफी खुश थे। प्रदीप जैन और विशाल जैन सहित अपना घर सुखधाम से जुड़े सभी लोगों ने प्रभुजी आसिफ के खुशहाल उज्जवल भविष्य की कामना आश्रम प्रबंधन समिति के मुख्य ठाकुर जी से की और अपनी शुभकामनाओं के साथ उन्हें विदाई दी। यहां प्रभु जी की देखरेख में लगे लोगों ने पूछने पर बताया कि पूरे आत्मविश्वास और सेवाभाव के साथ प्रभु जी की जा रही सेवा से जल्दी ही कुछ और भी सही हो जाएंगे। और भरतपुर आश्रम से भी अन्य प्रभुजी को यहां भेजा जाएगा।

बताते चले कि इन प्रभुजी को अपना घर आश्रम के लोग सड़कों के किनारे या अन्य स्थानों से बुरी स्थिति में उठाकर लाते है और फिर उनके इलाज खाने पीने की व्यवस्था के साथ अच्छा माहौल उपलब्ध कराया जाता है जिससे ये लोग ठीक हो जाए। इस संदर्भ में अपना घर सुखधाम के मुख्यकर्ता धर्ता विद्या यूनीवर्सिटी के कुलाधिपति प्रदीप जैन ने बताया कि हमने सभी सुख सुविधाओं से युक्त आश्रम तैयार कर दिया है। अब वो ठाकुर जी की देखरेख में संचालित है। सुखधाम में जिस चीज की भी आवश्यकता होती है यहां पर लगे एक पट में ठाकुर जी के नाम एक चिट्ठी लिख दी जाती है। और जिन जिन लोगों को पता चल रहा है वो सेवाभावी लोग शादी समारोह वैवाहिक सालगिराह जन्मदिन आदि समारोह व अन्य दिनों में प्रभुजी की इच्छा पर यहां आकर सामान दे जाते है। और अगर कोई भी कमी होती है तो अपना घर सुखधाम उसकी व्यवस्था करती है। प्रभुजी की देखभाल आदि में कोई कमी नहीं होने दी जाती।

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