मेरठ 04 जुलाई (प्र)। प्रयागराज सहित यूपी के जिन शहरों का सुनियोजित विकास हो रहा है उसी प्रकार से मेरठ में इंन्टीग्रेटिक डबलपमेंट प्लान के तहत सुनियोजित ढांचागत विकास को आगे बढ़ाने शहर को जाम से मुक्त कराने एवं कच्ची कालोनी एवं अवैध निर्माणों को रोकने हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी के आदेश और निर्देशों के अनुसार मेरठ मंड़लायुक्त/मेरठ विकास प्राधिकारण अध्यक्ष एवं जिलाधिकारी डा0 वीके सिंह भी मेडा उपाध्यक्ष संजय कुमार मीना के साथ प्रयासरत है। प्राधिकरण सचिव भी अपने स्तर पर काफी प्रयास करते नजर आते है। लेकिन अवैध निर्माण आदि रोकने तथा शासन की निर्माण नीति के तहत काम हो यह देखने के लिए तैनात मेडा के ज्यादातर अधिकारी हमेशा ही विवादों में घिरे रहे। पिछले कुछ वर्षों में मेडा की सीमा में वन फारर और गढ़ रोड स्थित हल्दीराम शोरूम जैसे अनेकों ऐसे नक्शे पास हुए जो सरकार की किसी भी नीति के तहत पास नहीं हो सकते थे।
बीते दिवस उपाध्यक्ष संजय कुमार मीना द्वारा उद्यान निरीक्षक जो पिछले काफी माह से अवैध निर्माण और कच्ची कालोनियों तथा सरकारी जमीन घिरने से बचाने के लिए एक जोन में तैनात कर दिये गये थे। जितेन्द्र कुमार द्वितीय को उनकी मिल रही शिकायतों और निर्माण नीति के विपरीत काम करने वालों से मिलीभगत कर अवैध निर्माणों को दिये जा रहे बढ़ावे के चलते निलंबित कर दिया गया। वीसी मेडा के इस कार्य से माननीय मुख्यमंत्री जी के पोर्टल से आई शिकायतों के निस्तारण में पारदर्शिता आने की भी उम्मीद है। और कहा जा सकता है कि जिस युद्ध स्तर पर जितेन्द्र कुमार जहां भी रहे उनके द्वारा नाले नालियों रोड बाईडिंग हरि पट्टी और सरकार जमीन घेरकर अवैध निर्माण करने वालों और विद्या कालोनी आदि कच्ची कालोनियों को बढ़ावा देने का काम किया गया वो हमेशा चर्चा में रहे हैं। मेडा उपाध्यक्ष अगर जांच कराये तो पूर्व में इनके द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी के जनशिकायत पोर्टल के माध्यम से जितनी भी अवैध मानचित्र पास बताकर निर्माण कच्ची कालोनियांे और सरकारी भूमि घेरने की शिकायते जांच हेतु आई इनके द्वारा लगभग सभी का फर्जी निस्तारण करके तो भेजा ही गया। अन्य नियम विरूद्ध कार्यों को भी इसमें बढ़ावा दिया जाता रहा। उपाध्यक्ष जी जितेन्द्र कुमार द्वितीय के द्वारा उद्वान विभाग से यहां तैनाती के बाद मुख्यमंत्री जी के यहां से आई शिकायतों का दोबारा अवलोकन किया जाए तो शायद यह अपनी नौकरी भी नहीं बचा पाएंगे। लोगों का कहना है कि इन्होंने सरकार और प्राधिकरण को काफी उच्च स्तर पर कई प्रकार से नुकसान पहुंचाया इसलिए इस दृष्टिकोण से भी कार्रवाई करते हुए इनके द्वारा उद्यान निरीक्षक के रूप में अपने कार्यकाल में क्या क्या किया और कराया गया इसकी भी जांच होनी चाहिए क्योंकि जानकारों का मौखिक रूप से कहना है कि इन्होंने वहां भी सरकारी धन की बंदरबांट कर पार्कों आदि के सौन्दर्यकरण और पौधारोपण आदि को भी सही प्रकार से अंजाम नहीं दिया गया। इनके साथ ही मेट सतराज को भी पिछले काफी समय से मिल रही शिकायतों के चलते निलंबित किया गया है। वर्तमान में यह दोनों निलंबित व्यक्ति रोहटा रोड बागपत रोड एनएच 58 आदि का क्षेत्र देख रहे थे।
माननीय मुख्यमंत्री जी अगर जितेन्द्र कुमार द्वितीय जैसे कर्मचारियों और अवैध निर्माण देखने के साथ ही मुख्यमंत्री के यहां से आई शिकायतों का निस्तारण करने में लगे उनकी आमदनी खर्च की जांच कराने के साथ साथ यह भी दिखवाया जाए कि इन्होंने क्योंकि लोगों का कहना है कि इनके द्वारा इन पदों पर रहते हुए की गई अवैध कमाई से काफी नामी बेनामी संपत्ति और बैंक बैलेस बढ़ाया है।
वीसी द्वारा लिया गया निर्णय है शासन हित में! वन फारर आदि अवैध निर्माणों को बढ़ावा देने व आईजीआरएस शिकायतों का फर्जी निस्तारण करने में संलग्न मेडा के जितेन्द्र कुमार द्वितीय निलंबित, मुख्यमंत्री जी इनकी कुल संपत्ति की भी कराई जाए जांच
Share.