गोंडा 04 अगस्त। पृथ्वीनाथ मंदिर में जल चढ़ाने जा रहे 15 श्रद्धालुओं से भरी बोलेरो रविवार को सरयू नहर में गिर गई. हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि चार को बचाया गया है. मरने वालों में 9 लोग एक ही परिवार से हैं. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया. घायलों को इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है. मृतकों में 6 महिलाएं, 2 पुरुष और 3 बच्चे हैं.
वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. इसके साथ ही मृतकों को परिजनों को 5-5 लाख रुपए की सहायता राशि देने के निर्देश दिए हैं. घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है.
घटना गोंडा जिले के इटियाथोक थाना क्षेत्र के रहरा गांव की है. मोतीगंज थाना क्षेत्र के सीहागांव के रहने वाले तीन परिवार के 15 लोग बोलेरो से खरगूपुर के पृथ्वी नाथ मंदिर में जल चढ़ाने के लिए जा रहे थे. अचानक बोलेरो अनियंत्रित होकर नहर में गिर गई. जिससे चीख पुकार मच गई. राहगीरों ने सरयू नहर में कार को डूबता देख पुलिस को सूचना दी.
ग्रामीण आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य में जुट गए. गाड़ी के शीशे को तोड़कर लोगों को बाहर निकाला गया. जिसमें 11 लोगों की डूबने से मौत हो गई. 3 बच्चों और 1 ड्राइवर को सकुशल बाहर निकाल लिया गया. बारिश के चलते नहर में लबालब पानी भरा है. नहर में गिरते ही गाड़ी पूरी तरह से डूब गई. उसके गेट लॉक हो गए. जिससे अंदर बैठे लोग बाहर नहीं निकल पाए और तड़प-तड़पकर उनकी मौत हो गई.
गाड़ी में ड्राइवर के साथ 16 लोग सवार थे. मेरे परिवार के अलावा चाचा रामकरन, रामरूप और पड़ोसी रामललन का परिवार भी था. हम लोग हंसते गाते जा रहे थे, तभी गाड़ी अचानक नहर में गिर गई. इसके बाद क्या हुआ, कुछ भी याद नहीं. सब कुछ धुंधला सा हो गया.
मृतकों में सीहागांव के प्रहलाद की पत्नी बीना (44), दो बेटियां काजल (22), महक उर्फ रिंकी (14), प्रहलाद के भाई रामकरन (36), रामकरन की पत्नी अनसुइया (34), बेटा शुभ (7), बेटी सौम्या (9), प्रहलाद के सबसे छोटे भाई रामरूप की पत्नी दुर्गेश नंदिनी (35), बेटा अमित (14), पड़ोसी रामललन की पत्नी संजू (26) और बहन गुड़िया उर्फ अंजू (20) शामिल हैं.
वहीं, रामरूप की एक बेटी रचना (10) लापता है. प्रहलाद का एक बेटा सत्यम और एक बेटी पिंकी घायल हैं. पड़ोसी रामललन और ड्राइवर सीतारमण भी घायल हैं. हादसे के बाद जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन सीएससी पहुंचीं और घायलों का हाल चाल जाना. डॉक्टरों को इलाज करने को कहा है.