वृंदावन 11 अक्टूबर। वृंदावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में अब कोई भी श्रद्धालु भीड़ से अलग आसानी से सुगम दर्शन कर सकता है। श्रद्धालुओं को सुलभ दर्शन कराने की योजना पर काम कर रहे प्रशासन ने नई व्यवस्था की है। इसका कोई चार्ज भी नहीं लिया जाएगा। यह व्यवस्था पूरी तरह से निशुल्क है। रजिस्ट्रेशन से दर्शन के ट्रायल के बाद टीएफसी पर पंजीकरण केंद्र की शुरुआत की गई है। यहां ऑफलाइन पंजीकरण होंगे। पंजीकृत श्रद्धालुओं को मंदिर तक भीड़ से बचाते हुए दर्शन कराये जाएंगे। इनके लिए अलग से रास्ता होगा। अभी बांकेबिहारी मंदिर पर उमड़ने वाली भीड़ में श्रद्धालुओं को धक्के खाते हुए दर्शन हो पाते हैं।
स्थानीय लोग तो जा ही नहीं पाते। विगत दिनों मंडलायुक्त ऋतू माहेश्वरी के आदेश पर पंजीकरण से दर्शन कराने के लिए ट्रायल बेस पर नगरनिगम के जोनल कार्यालय में पटल खोला गया था, लेकिन पंजीकरण कराने वाले श्रद्धालुओं को भीड़ में शामिल होकर ही दर्शन करने पड़ रहे थे। पुलिस विभाग द्वारा पंजीकृत श्रद्धालुओं को अलग रास्ते से दर्शन नहीं करा पाने के कारण पटल को बंद कर दिया गया था। अब पर्यटक सुविधा केंद्र (टीएफसी) पर मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण की ओर से दर्शन पंजीकरण केंद्र की स्थापना की गई है।
इस बाबत एक बोर्ड टीएफसी के बाहर लगा दिया गया है व एक बोर्ड परिसर के अंदर काउंटर पर लगाया है। जहां पंजीकरण होंगे। ऑफलाइन पंजीकरण कराने वाले श्रद्धालुओं को वरीयता देते हुए सुलभ दर्शन कराये जायेंगे।
इसके लिए मंदिर में प्रवेश करने को अलग से रास्ता बनाया जायेगा। पंजीकरण कराना और पंजीकृत श्रद्धालुओं को अलग रास्ते से दर्शन कराना निशुल्क रहेगा। टीएफसी प्रभारी कुलदीप दीक्षित ने बताया कि इस सम्बन्ध में मंडलायुक्त 16 अक्तूबर को जिले के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर समन्वय बनाएंगी। 17 अक्तूबर को उनके द्वारा केंद्र का उद्घाटन किया जायेगा।
बांके बिहारी मंदिर में उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लगातार प्रयासरत शासन- प्रशासन प्रशासन द्वारा अब पंजीकरण के माध्यम से श्रद्धालुओं को दर्शन करने की योजना को धरातल पर लागू करने की तैयारी कर ली गई है। एक ओर पंजीकरण योजना को मंदिर सेवायत गोस्वामीजन द्वारा अच्छा बताया जा रहा है, तीर्थ पुरोहित समाज भी प्रशासन की इस योजना के समर्थन में है। वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों का कहना है कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को तो पंजीकरण के माध्यम से दर्शन कराने की व्यवस्था प्रशासन कर रहा है, स्थानीय लोग किस प्रकार अपनी आराध्य ठाकुरजी के दर्शन करेंगे, इसको लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है।