Monday, August 11

पहली बार आयकर रिटर्न भरते वक्त सही फॉर्म का चयन करें

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नई दिल्ली 11 अगस्त। आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरने की अंतिम तिथि धीरे-धीरे नजदीक आ रही है। आप चाहे वेतनभोगी हों, छोटे कारोबारी हों, या फ्रीलांसर, पहली बार रिटर्न दाखिल करना मुश्किल लग सकता है। खासकर तब जब इस बात को लेकर असमंजस हो कि उन्हें कौन सा आईटीआर फॉर्म भरना है या कौन सी कर व्यवस्था के साथ जाना चाहिए। इसलिए रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को आसान और सुविधाजनक बनाने के लिए, आयकर विभाग ने पहली बार करदाताओं के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। पहली बार आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों के लिए यहां जरूरी टिप्स दिए जा रहे हैं.

जानें किसे रिटर्न भरना जरूरी: अगर पुरानी कर व्यवस्था के तहत आपकी कुल आय ₹ 2.5 लाख से ज्यादा है, तो आपको अनिवार्य रूप से अपना आईटीआर दाखिल करना होगा। वहीं, नई कर व्यवस्था के लिए यह ज़रूरी है कि आपकी आय ₹ 3 लाख या उससे ज़्यादा हो, तो आपको आईटीआर दाखिल करना होगा, भले ही आप टैक्स न देते हों। ऐसे में ‘जीरो आईटीआर’ भरने का प्रावधान भी आयकर विभाग ने लागू किया हुआ है। यह उनके लिए है, जिनकी कुल आय कर के दायरे में आती है लेकिन दावों और कटौतियों के बाद कोई टैक्स नहीं कटता है।

समय पहले से भरें रिटर्न: सरकार ने 2025 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई के बजाय 15 सितंबर तक बढ़ा दी है। हालांकि, जल्दबाजी के दौरान अंतिम समय में गलतियों से बचने के लिए नियत तारीख से पहले आईटीआर दाखिल करना उचित है। यदि आपने कोई गलत विवरण दर्ज किया है तो उसे सुधारने का समय मिल जाएगा। विशेषज्ञों ने करदाताओं का सलाह दी है कि समय से पहले रिटर्न दाखिल करने से करदाताओं को आईटीआर फॉर्म का आकलन करने और त्रुटि-मुक्त रिटर्न दाखिल करने में पर्याप्त समय मिलेगा।

खुद से भरें या विशेषज्ञ से भरवाएं: विशेषज्ञों का कहना है कि अगर वेतन के अलावा आय को कोई अन्य स्रोत नहीं है तो करदाता खुद से आईटीआर दाखिल कर सकते हैं। वहीं, अगर आय के स्रोत कई सारे हैं, जैसे वेतन से आय होती है या व्यापार भी करते हैं, शेयर मार्केट से भी पैसा कमाते हैं तो आईटीआर भरने के लिए किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद लेनी चाहिए। इसकी वजह ये है कि बहुत से कानून और नियमों के बारे में करदाता को आमतौर पर जानकारी नहीं होती है। आईटीआर दाखिल करते समय वह गलती कर दे। ऐसे में आयकर विभाग नोटिस भेज सकता है। विशेषज्ञ ऐसा होने से करदाता को बचाएंगे।

आयकर रिटर्न भरने के लिए ये दस्तावेज जरूरी

  1. फॉर्म 16
    अगर आप नौकरी करते हैं, तो आपका नियोक्ता (एम्प्लॉयर) आपको फॉर्म 16 देता है। इसमें आपकी तनख्वाह, टैक्स कटौती (टीडीएस) और बाकी जरूरी जानकारी होती है। रिटर्न भरने के लिए ये सबसे पहला और अहम कागज़ है।
  2. फॉर्म 26एएस और एआईएस
    फॉर्म 26एएस में दिखता है कि आपके नाम पर कितना कर जमा हुआ है। वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) में आपके बैंक खाते, शेयर, ब्याज आदि की पूरी जानकारी होती है। इन दोनों को देखकर आप अपनी आय और टैक्स की सही पुष्टि कर सकते हैं।
  3. बैंक पासबुक/खाता विवरण और ब्याज का प्रमाण-पत्र
    अगर आपने सावधि जमा (एफडी), बचत खाते या किसी अन्य योजना से ब्याज कमाया है, तो उसका हिसाब देना जरूरी है। बैंक का विवरण और ब्याज का प्रमाण-पत्र इसमें मदद करेगा।
  4. सैलरी स्लिप
    सैलरी स्लिप से आपको पता चलता है कि आपकी वेतन में क्या-क्या शामिल है। जैसे: मूल वेतन, मकान किराया भता (एचआरए), बोनस, कटौतियां इत्यादि। इससे आप सही जानकारी भर सकते हैं।
  5. निवेश के प्रमाण-पत्र
    अगर आपने जीवन बीमा (एलआईसी), सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ), इक्विटी लिंक्ड बचत योजना (ईएलएसएस) जैसी योजनाओं में निवेश किया है, तो उनकी रसीदें संभाल कर रखें। ये आपको टैक्स छूट दिलाने में काम आएंगी।
  6. किराये की रसीदें या किरायानामा
    अगर आप किराए के मकान में रहते हैं, तो मकान किराया भता (एचआरए) का दावा करने के लिए किराये की रसीदें और किरायानामा जरूरी हैं। इससे आपकी टैक्स देनदारी कम हो सकती है।
  7. गृह ऋण का ब्याज प्रमाण-पत्र
    अगर आपने घर के लिए ऋण लिया है, तो बैंक से ब्याज का प्रमाण-पत्र जरूर लें। इससे आपको गृह ऋण पर मिलने वाली टैक्स छूट का फायदा मिलेगा।

सही आयकर रिटर्न फॉर्म का चुनाव करें

  1. (सहज): वेतनभोगी और केवल ब्याज आय वालों के लिए।
  2. वेतन से आय, पूंजीगत लाभ एक से अधिक संपत्ति या विदेशी आय वालों के लिए।
  3. व्यापार/पेशे से आय प्राप्त करने वालों के लिए
  4. (सुगम) कुल सालाना आय 50 लाख रुपये तक होनी चाहिए।

आईटीआर-5 फार्म के लिए एक्सेल सुविधा जारी
आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आईटीआर-5 का एक्सेल यूटिलिटी फॉर्म ऑनलाइन उपलब्ध करा दिया है। इस फॉर्म को व्यक्तिगत करदाता, एचयूएफ या कंपनी नहीं भर सकती। यह केवल कुछ संस्थाओं के लिए होता है। यह फर्मों, एलएलपी (सीमित देयता भागीदारी), एओपी (व्यक्तियों का संघ), बीओआई (व्यक्तियों का निकाय), स्थानीय प्राधिकरण और सोसायटी, पीएफ ट्रस्ट, ग्रेच्युटी ट्रस्ट और निवेश निधि के लिए होता है। पहले इन फर्मों को आईटीआर-5 भरने के लिए या तो मैनुअल प्रक्रिया अपनानी पड़ती थी या फिर थर्ड पार्टी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना पड़ता था। अब ये संस्थाएं बिना किसी जटिल सॉफ्टवेयर के सीधा एक्सेल में फॉर्म भरकर अपलोड कर सकती है। इसके लिए आयकर विभाग की वेबसाइट से एक्सेल यूटिलिटी टूल सुविधा को डाउनलोड करना होगा।

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