Thursday, November 13

फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेटे को बेचा दूसरे का कीमती प्लाट

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मेरठ 04 सितंबर (प्र)। ग्राम मोहकमपुर में 43 साल पहले 3404 वर्गगज के खरीदे गए प्लाट को एक व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेज कर उसका बैनामा अपने नाम करा लिया। इसके बाद उसमें से 2500 वर्गगज जमीन अपने बेटे को बेचकर उसके नाम बैनामा कर दिया। सम्पत्ति कार्यालय में उपलब्ध रिकॉर्ड से धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। इस पर पीड़ित ने बाप-बेटे समेत सात के खिलाफ एसीजेएम के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया है।

सिविल लाइन थाने पर ठठेरवाड़ा निवासी अतुल रस्तोगी ने एसीजेएम के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया है। अतुल रस्तौगी ने बताया कि उसके पिता स्व. सतोष कुमार रस्तौगी ने 3404 वर्गगज का एक प्लाट खसरा संख्या 180 / 2 व 183 ग्राम मोहकमपुर में खरीदा था। इसका बैनामा 21 अप्रैल 1982 को पिता संतोष कुमार रस्तौगी ने रजिस्ट्री कार्यालय में कराया था। संतोष कुमार रस्तोगी की मृत्यु के बाद उनका बेटा अतुल रस्तौगी उस पर काबिज है। इस संपत्ति पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर उसको बेचने वाले भूमाफिया रामपाल शर्मा उर्फ रामपाल ग्राम रिठानी, पवन शर्मा पुत्र हरिकिशन निवासी ग्राम मुडबराल, ब्रह्मदास पाल निवासी ग्राम बहरामपुर खास, रोशन निवासी वेगम बाग, आकाश शर्मा पुत्र सुरेश चन्द शर्मा निवासी कताई मिल, सन्दीप कुमार निवासी शोभापुर परमिन्दर शर्मा निवासी गाजियाबाद की नजर जम गई। इसके बाद फर्जी दस्तावेज तैयार कर उक्त आरोपियों ने एक जनवरी 1982 को क्रमांक 5021 पर बैनामा दर्शाया। फिर, इस बैनाम के आधार पर एक जनवरी 2024 को एक इकरारनामा रजिस्टर्ड रामपाल उर्फ रामपाल शर्मा ने पवन शर्मा भूडबराल के नाम कर दिया।इस बैनामे की इबारत में क्रमांक 5021 तारीख एक सितंबर 1982 दर्ज कराई जबकि बैनामा 21 अप्रैल 1982 उस बैनामे से दो दिन पहले 19 अप्रैल 1982 का दर्शाया गया।

अतुल रस्तौगी ने बताया कि इस धोखाधड़ी का पता रजिस्ट्री कार्यालय में जांच से मालूम हुआ। रामपाल शर्मा उर्फ रामपाल ने इकरारनामे में जो जिल्द नंबर, पृष्ठ संख्या लिखी है, वह दोनों ही कूटरचित है क्योंकि क्रमांक 5021 पर सम्पति दस्तावेज कार्यालय के अनुसार गंगाशरण उर्फ पलटू द्वारा राजकुमार पुत्र भोलानाथ के पक्ष में खसरा संख्या 2328/1 मोहल्ला शान्ति नगर से संबंधित रजिस्ट्री की गई है। इस तरह से 29 मार्च 2025 का उक्त गिरोह ने एक कूटरचित वैनामा तैयार किया। इस बैनामे में रामपाल उर्फ रामपाल शर्मा ने अपने आपको स्वामी बताते हुए 2500 वर्ग गज जमीन परमिन्दर शर्मा को बेच दी।

इस तरह रामपाल शर्मा ने अतुल रस्तौगी की मोहकमपुर स्थित खसरा नंबर 180 / 2 व 183 जमीन का बैनामा किया। कूटरचित बैनामे के लिए रजिस्ट्री कार्यालय की फर्जी मोहरें बनाकर अपना स्वामित्व दिखाया गया। खतौनी की नकल में भी अतुल रस्तौगी के नाम का इंद्राज चला आ रहा है। इसके अलावा रामपाल व उसके गैंग द्वारा सांठ गांठ करके अतुल रस्तोगी की जमीन का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट एक जनवरी 2024 को परमिन्दर शर्मा को किया गया। रजिस्ट्री कार्यालय में 29 मार्च 2025 को रामपाल ने रजिस्ट्री ऑफिस की नकल छह जुलाई 2024 की दर्शायी गई है। इसके अतिरिक्त इसी प्रकार दस्तावेज नंबर 5021 का मालिक भी गंगाशरण पुत्र पलटूराम है। इस तरह अतुल रस्तोगी व व गंगाशरण की सम्पति हड़पने के लिए कूटरचित मूल्यवान प्रतिभू बनाकर एग्रीमेन्ट व बैनामे किए हैं।

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