लोकसभा में विपक्ष के नेता अमेठी से सांसद श्री राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक से पहले गत दिवस ध्वजारोहण समारोह में कहा गया कि आरक्षण की ५० प्रतिशत की सीमा तोड़ेंगे और अति पिछड़ों को महागठबंधन की सरकार देगी आरक्षण का लाभ। अपने दस सूत्रीय न्याय संकल्प को जारी करते हुए किए गए वादे में ज्यादा यही लगता है कि यह राजनीति स्टंट और चुनावी लाभ प्राप्त करने का सरल उपाय हो सकता है। राहुल गांधी जी और खड़गे साहब आप अति पिछड़ों को आरक्षण देने का संकल्प अगर मन से किए हुए हैं तो यह बात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कहकर क्या दर्शाना चाहते हैं। क्योंकि ज्यादातर चुनावों से पहले की गई घोषणा पूरी नहीं हो पाती हैं। नागरिकों को ऐसे बयानों से जो सपने दिखाए जाते हैं वो उन्हें परेशान करते हैं या सड़क पर उतरकर अपनी बात कहने और किए गए वादे की ओर आम नागरिकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए आंदोलन करते हैं जिससे सामाजिक ताना बाना प्रभावित होता है। राहुल जी विद्वान बताते हैं कि भारत रत्न बाबा भीमराव अम्बेडकर जी ने जब आरक्षण की वकालत की गई थी तो यह कहा गया था कि जिन लोगों को इसका लाभ मिलेगा जब वो समाज में बराबरी का दर्जा प्राप्त कर लें तो उन्हें यह लाभ बंद हो जाएगा। लेकिन आजादी के बाद कोई भी सरकार ऐसा साहस नहीं कर पाई जो उस पर अमल करती। आरक्षण की सीमा बढ़ती ही जा रही है। अगर जरुरतमंदों को बिना चुनावी लाभ के आरक्षण दिया जाए तो शायद किसी को ऐतराज होगा और ना ही इसे लेकर कोई बवाल खड़ा होगा लेकिन कई बार समाज में जिस वर्ग को आरक्षण मिलता है उसके लोग यह कहते हुए सुने जाते हैं कि हमें तो आज तक इसका कोई फायदा नहीं हुआ। मेरा मानना है कि आरक्षण जारी रहे या नहीं वो तो एक बिंदु हैं लेकिन जोर जारी है उसका लाभ उन लोगों को मिलना चाहिए जो इसके पात्र हैं मगर शायद ऐसा हो नहीं रहा क्योंकि कमजोरों का कहना है कि आरक्षण का लाभ वो लोग उठा रहे हैं जिन्हें इसकी जरुरत नहीं है। बड़े पदों पर बैठे हैं लेकिन आरक्षण का लाभ जरुरतमंद को मिले ऐसा होता कभी सामने नहीं आता। अब जो यह आरक्षण देने की बात राहुल जी आप कर रहे हैं वो किसका हिस्सा काटकर पूरा करेंगे यह भी स्पष्ट कर दें। बीते दिनों महाराष्ट्र में जो आरक्षण दिया गया था वो समाप्त होने से ऐसाभी होने लगा है कि आप लागू कर भी दे तो वो वादा लागू करने से पहले ही खत्म हो जाएं तो जिन लोगों को आप सपने दिखा रहे हैं उनका क्या होगा। मेरा मानना है कि सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए भविष्य में समाज में वैमनस्य की भावना उत्पन्न हो ऐसा कोई प्रयास कांग्रेस ही नहीं किसी भी राजनीतिक दल द्वारा देशहित में ना ही किया जाए तो अच्छा है।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर लोगों को ही मिले आरक्षण का लाभ, राहुल जी चुनावी लाभ उठाने के लिए अति पिछड़ों को आरक्षण के नाम पर सपने दिखाना बंद करें
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