मेरठ 08 अक्टूबर (दैनिक केसर खुशबू टाइम्स)। आवास विकास के अधिकारी लगता है कि सरकार की निर्माण नीति व अन्य आदेशों का उल्लघन करना और अवैध निर्माणकर्ताओं से मिलीभगत कर नाले नालियों के किनारे की सरकारी जमीन घिरवाकर मानचित्र के विपरित या बिना नक्शे के निर्माण कराना अपना अधिकार बना चुके है। वर्ना जिस प्रकार से सेन्ट्रल मार्केट के दुकानदारों के विरूद्ध माननीय न्यायालय और सरकार के निर्देशों पर हो रही कार्रवाई के चलते वो घरेलू उपयोग के भूखंड़ों या मकान तुड़वाकर शोरूम और दुकानें बिलकुल सड़क पर बनाने वालों के विरूद्ध सरकार की निर्माण नीति के तहत कार्रवाई करने में तो कोताही नहीं करते। लेकिन कुछ लोगों का यह कहना सही लगता है कि ग्रामीण कहावत बुढ़ा मरे या जवान हमे तो अपने काम से काम को आत्मसात कर आवास विकास के वर्तमान में ज्यादातर जेई से लेकर चीफ इंजीनियर तक सिर्फ जैसा नजर आता व सुनाई देता है उससे लगता है कि शासन की घोषणाओं व नीतियों को नजरअंदाज कर माल कमाने व बैंक बैंलेस बढ़ाने में लगे है।
किसी व्यक्ति द्वारा व्हाट्सअप पर भेजी गई एक फोटो व जानकारी अनुसार जागृति विहार में हिना टैªवलर्स वाली रोड पर स्थित एक ब्रेकरी और रेडिमेट गारमेंट की दुकान के निकट लगभग सवां सौ गज के रिहायशी प्लॉट में योजना संख्या 5 में बराबर की ब्रेकरी की दीवार पर लेंटर डाल तिमंजिला निर्माण कर नीचे ऊपर तीन दुकानें सरकार की निर्माण नीति के विरूद्ध बना दी गई। बताते है कि किसी पवन ठेकेदार नामक व्यक्ति द्वारा पुलिस चौकी के निकट यह निर्माण किया गया। यह अवैध निर्माण में सरकारी भूमि घेरकर किया गया बताया जा रहा है। जिस पर हुई मारपीट की शिकायत थाने में भी की गई और आवास विकास के अधिकारियों से भी लेकिन उन्होंने कोई सही कदम समय रहते अवैध निर्माणकर्ता और सड़क की जमीन घेरकर निर्माण करने वाले के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। व्हाट्सअप पर जारी खबर के अनुसार इस मामले में क्षेत्र की पुलिस और आवास विकास के अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में कही जा रही है।
व्हाट्सअप ग्रुप पर भेजी गई खबर में आग्रह किया गया है कि इस खबर को छापकर माननीय मुख्यमंत्री जी और उनके जनशिकायत पोर्टल पर भेजकर आवास विकास के अधिकारियों की कार्यप्रणाली और निर्माण नीति के विपरित कराये जा रहे अवैध कब्जों और निर्माण की ओर सरकार का ध्यान दिलाकर चीफ इंजीनियर से लेकर जेई तक जो भी दोषी हो उसके खिलाफ की जाए कार्रवाई। क्योंकि ऐसे निर्माणों से आये दिन जाम लग रहे है वहीं सरकार की सुनियोजित विकास और सौन्दर्यकरण की नीति भी नाकाम हो रही हैं। जिसे सही नहीं कहा जा सकता। क्योंकि ऐसे निर्माण और उनमें सहयोगियों की कार्यप्रणाली से माननीय प्रधानमंत्री जी के प्रदूषण रहित स्वच्छता अभियान व माननीय मुख्यमंत्री जी के सुनियोजित विकास की योजनाओं को भी यह लोग मिलीभगत कर पलीता लगा रहे है।