नई दिल्ली 07 नवंबर। इस साल 2025 में भारत के उदार लोगों ने कुल 10,380 करोड़ रुपये का दान किया है. इसमें 191 लोगों द्वारा किया गया दान शामिल है. 191 लोगों की इस लिस्ट में 12 नए लोग भी शामिल है. खास बात यह है कि भारत में दान देने की संस्कृति पिछले 3 सालों में 85 प्रतिशत बढ़ी है. इस बात की जानकारी एडेलगिव हुरुन इंडिया फिलैंथ्रोपी लिस्ट 2025 में दी गई है.
हर बार की तरह इस बार भी HCL टेक्नोलॉजीज के संस्थापक शिव नादर दान देने के मामले में टॉप पर रहे हैं. पिछले 4 साल से शिव नादर भारत के सबसे ज्यादा दान देने वाले व्यक्ति बने हुए हैं. इस साल शिव नादर ने कुल 2708 करोड़ रुपये का दान किया है यानी 7.4 करोड़ रुपये प्रतिदिन. शिव नादर और उनके परिवार द्वारा किया गया यह दान पिछले साल के मुकाबले 26 प्रतिशत ज्यादा है. इस दान का ज्यादा हिस्सा शिक्षा और कला-संस्कृति से जुड़ी परियोजनाओं पर किया गया है.
भारत के सबसे अमीर व्यक्ति रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी दान के मामले में दूसरे स्थान पर हैं. इस साल मुकेश अंबानी और उनके परिवार ने कुल 626 करोड़ रुपये का दान किया है. दान के मामले में तीसरे स्थान पर बजाज परिवार है, जिन्होनें 446 करोड़ रुपये का दान किया है. बजाज परिवार द्वारा किया गया ये दान पिछले साल के मुकाबले 27 प्रतिशत ज्यादा है. चौथे स्थान पर कुमार मंगलम बिड़ला का है, जिन्होनें 440 करोड़ रुपये का दान किया है.
अडानी समूह के संस्थापक गौतम अडानी भारत के पांचवें सबसे बड़े दानवीर है. दान करने वाले व्यक्तियों की लिस्ट में पांचवें स्थान गौतम अडानी और उनके परिवार का है. इस साल उन्होंने कुल 386 करोड़ रुपये का दान दिया है, जो पिछले साल से 17 प्रतिशत ज्यादा है.
शिव नादर ने गैरेज से शुरू की थी एचसीएल
शिव नादर की कहानी इस बात का प्रमाण है कि सच्ची मेहनत और नीयत से शुरू की गई चीजें कैसे इतिहास रचती हैं। साल 1976 में शिव नादर ने पांच दोस्तों के साथ मिलकर HCL की शुरुआत एक छोटे से गैरेज से की थी। उस वक्त कंपनी कैलकुलेटर और माइक्रोप्रोसेसर बनाती थी। आज वही कंपनी दुनिया के 60 देशों में कारोबार करती है और 2,23,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार देती है।
बेटी रोशनी नादर अब संभाल रही हैं जिम्मेदारी
साल 2020 में शिव नादर ने HCL टेक्नोलॉजीज के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था और अब उनकी बेटी रोशनी नादर मल्होत्रा कंपनी की बागडोर संभाल रही हैं। लेकिन पिता की तरह ही वह भी समाजसेवा को अपनी प्राथमिकता मानती हैं।
