Wednesday, November 12

भ्रष्टाचार रोकने हेतु योगी सरकार की सराहनीय पहल! मेडा के अर्पित यादव पर 25 हजार का जुर्माना समाज कल्याण के चार अधिकारी बर्खास्त, तीन की पेंशन में कटौती विधायक श्यामप्रकाश बोले: 99 फीसदी अफसर चले जाएंगे जेल

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भ्रष्टाचार रिश्वतखोरी पूर्ण रूप से समाप्त करने के संकल्प के साथ अपना कार्यभार संभालने के उपरांत उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार वैसे तो सरकारी नीति का उल्लंघन करने और विकास कार्यो में घोटालेबाजों के खिलाफ जानकारी मिलने पर कार्रवाई करती रही। योगी सरकार द्वारा सरकारी बजट से हुए विभिन्न कार्यों की जांच कराई तो ज्यादातर में अनियमितता और घोटाले की आ रही बू दोषियों की लीपापोती के बाद भी दब नहीं पाई।
अब लगता है कि योगी सरकार ने भ्रष्टाचारियों और लापरवाहों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें सजा देने का मन बना लिया गया है। क्योंकि मैं पिछले एक दशक से यह मांग करता चला आ रहा हूुं कि घोटालेबाज अधिकारियों के खिलाफ जब भी जांच और जुर्माने की कार्रवाई हो तो वह उनके वेतन से वसूल की जाए। मेडा के जनसूचना अधिकारी अर्पित यादव पर प्रदेश के सूचना आयुक्त वीरेंद्र प्रताप सिंह ने आयोग के आदेश पर शिकायतकर्ता को समय पर सूचना न देने के आरोप में मेरठ विकास प्राधिकरण के जनसूचना अधिकारी पर २५ हजार का जुर्माना लगाया और डीएम को निर्देश जारी किया कि जुर्माने की रकम अधिकारी के वेतन से वसूली जाए। देर से जो यह योजना शुरू हुई है इससे काफी अच्छे परिणााम निकलकर आएंगे। दूसरी ओर पूर्व आईपीएस और समाज कल्याण राज्यमंत्री असीम अरूण की देखरेख में हुई कार्रवाई में मिले भ्रष्टाचार के सबूतों के बाद श्रावस्ती, मथुरा, झांसी शाहजहाुपुर और औरैया के समाज कल्याणा अधिकारियों पर शिकंजा कसा गया तो मीना श्रीवास्तव , करूेणश त्रिपाठी, संजय व्यास बालेश कुमार को बर्खास्त तथा औरैया के श्रीभगवान मथुरा के विनोद शंकर त्रिपाठी और उमा शंकर की पेंशन में कटौती की गई है और बताते हैं कि अभी इनसे संबंध तथ्यों की समीक्षाा जारी है। खबर के अनुसार प्रदेश की योगी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाकर भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों पर लगातार प्रहार कर रही है। इसी क्रम में समाज कल्याण के अधिकारियों पर कार्रवाई हुई। समाज कल्याण मंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरूण का कहना है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भ्रष्टाचार पर कार्रवाई जारी रहेगी। ऐेसे और दबे मामले सामने आएंगे तो उनमें भी शीघ्र कार्रवाई होगी। एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।
पिछले दिनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य द्वारा बिहार के मोतीहारी से वर्चुअल लखनऊ के बख्शी का तालाब ब्लॉक की ग्राम पंचायत कुसराना में ग्राम चौपला को संबोधित करते हुए कहा था कि कोई रिश्वत मांगे तो मुझसे संपर्क करें जेल भेज दूंगा। उनके बयान के बाद गोपामऊ विधायक श्यामप्रकाश जो अपने स्पष्ट वक्तव्याों के लिए पहचाने जाते हैँ ने एक टिप्पणी की कि दैनिक समाचार पत्र में केशव प्रसाद का बयान कोई रिश्वत मांगे तो मुझसे संपर्क करें जेल भेज दूंगा अखबार की कटिंग के साथ फेसबुक पर अपलोड कर टिप्पणी की कि फिर तो प्रदेश के ९९ फीसदी अधिकारी जेल चले जाएंग। प्रश्न वाचक चिन्ह बनाकर उन्होंने कहा कि ऐसा ना करे। उनकी यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। विधायक की टिप्पणी महत्वपूर्ण है और नागरिकों की बात को सही माने तो उनके कथन मेें बड़ा दम है क्योकि अब तो आए दिन सत्तादल के नेता कार्यकर्ता भी दबंगई दिखाने और भ्रष्टाचार तथा विकस कार्यों में लापरवाही उन्हें से सपूर्ण करने वाले अधिकारियों की कार्यप्रणाली भले ही अधिकारियों को ना दिखाई दे रही हो लेकिन पीड़ित उससे बहुत परेशान नजर आता है। आज समाज कल्याण विभाग के अफसरों की बर्खास्ती की खबर पढ़कर नागरिकों का कहना था कि मुख्यमंत्री जी नगर निगम विकास प्रधिकरणों व आवास विकास के इंजीनियरों की कार्यप्रणाली की जांच कराई जाए तो कई के काले चिटठे और बेनामी संपत्ति का खुलासा हो सकता है। एक जागरूक पाठक का यह कथन सही लगता है कि पिछले पांच सालों में जो इंजीनियरों के यहां छापे में अकूल संपत्ति मिली की जांच हो जाए तो ऐसी इतनी संपत्ति मिल सकती है कि देश की कई योजनाओं को पूरा कराने के लिए उनमें पंख लग सकते हैं।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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