मेरठ 13 नवंबर (प्र)। बायोमेडिकल वेस्ट स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए बेहद घातक है। इस बात को मेडिकल कालेज प्रशासन से बेहतर भला कौन समझ सकता है लेकिन लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज में रैन बसेरा के पास खाली जमीन में सामान्य कचरे के साथ बायो मेडिकल वेस्ट भी फेंका जा रहा है। बुधवार दोपहर इसमें आग लगने से धुआं फैल गया। रेडियोलाजी विभाग में एमआरआइ, अल्ट्रासाउंड को आने वाले मरीजों- तीमारदारों को भारी परेशानी हुई सांस लेना दूभर हो गया। इमरजेंसी जाने वाले लोग ज्यादा परेशान रहे। आग अपने आप बुझ गई। मेडिकल कालेज प्रशासन को पता ही नहीं चला।
यह धुआं फेफड़ों में पहुंचकर संक्रमण बना सकता है। इसमें इंजेक्शन, इस्तेमाल की गई सिरिंज, खून से सना काटन, दास्ताने, पट्टी आदि होते हैं। इनके संपर्क में आने से एचआइवी, हेपेटाइटिस जैसी बीमारी होने का डर रहता है। इमरजेंसी को जाने वाले मुख्य रास्ते पर रैन बसेरा के पास खाली जमीन में पहले भी कई बार सामान्य कचरे के साथ बायो मेडिकल वेस्ट जलाया गया है। हर बार अनदेखी करने से विकराल स्थिति बन गई। बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण ठेका एक फर्म के पास है। ठेका एजेंसी को पोस्टमार्टम हाउस के पीछे बायो मेडिकल वेस्ट एकत्र करने के लिए जगह दी गई है। यहां से ले जाकर इंसिनरेटर के जरिये इसका निस्तारण करना होता है। इस व्यवस्था पर मेडिकल कालेज प्रशासन सलाना करीब 20 लाख रुपये खर्च करता है।
पुलिस लाइन और लिसाड़ी में भी जला कूड़ा
बुधवार को पुलिस लाइन की बाउंड्रीवाल के बाहर कूड़े में आग लगा दी गई। धुआं उठता रहा। लिसाड़ी में नाले के पुल के पास कूड़ा जलाया गया। पास में ही ट्रांसफार्मर रखा था। गनीमत रही कि आग की लपटें ट्रांसफार्मर तक नहीं पहुंची। कूड़ा जलने के मामले में नगर निगम की टीमें बुधवार को भी मौके पर नहीं पहुंची। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. अमर सिंह ने कहा कि संबंधित क्षेत्र के सफाई निरीक्षक को भेजकर कूड़ा जलाने वालों का पता लगाकर कार्रवाई की जाएगी।
