Friday, November 21

डीएम की चेतावनी-दो दिन में गणना प्रपत्र लौटाना अनिवार्य, अन्यथा काटा जा सकता है वोटर लिस्ट से नाम

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मेरठ 21 नवंबर (प्र)। विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के तहत मेरठ जिले में मतदाता सूची का सत्यापन तेजी से चल रहा है। कलक्ट्रेट, तहसीलों, स्कूलों, पीएचसी और धर्मशालाओं सहित विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर डिजिटल डाटा फीडिंग के लिए शिविर लगाए गए हैं। प्रशासन, नगर निगम, विकास प्राधिकरण और आवास विकास के कर्मचारियों को भी इस कार्य में लगाया गया है।

जिला निर्वाचन अधिकारी (डीएम) डॉ. वीके सिंह ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि मतदाता गणना प्रपत्र बीएलओ को अधिकतम दो दिन के भीतर जमा कर दें। उन्होंने कहा कि अंतिम तारीख चार दिसंबर का इंतजार न करें, क्योंकि प्रपत्र जमा न करने की स्थिति में नाम वोटर लिस्ट से हट सकता है और इसकी जिम्मेदारी स्वयं मतदाता की होगी।

जिले के लगभग 27 लाख मतदाताओं में से अब तक मात्र 1.50 लाख लोगों का डिजिटल डाटा ही अपलोड हो सका है। चार नवंबर से चार दिसंबर तक जारी एसआईआर अभियान के दौरान बीएलओ घर-घर जाकर प्रपत्र वितरित कर रहे हैं। उप जिला निर्वाचन अधिकारी सत्यप्रकाश सिंह के अनुसार 97 प्रतिशत प्रपत्र बांटे जा चुके हैं, जबकि उन्हें ऑनलाइन अपलोड करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।

मतदाताओं द्वारा प्रपत्र वापस न करने से बीएलओ को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने 24 नवंबर तक डिजिटल फीडिंग पूरी कराने के लिए सरकारी और निजी स्थानों पर अतिरिक्त शिविर भी शुरू करा दिए हैं।

इस बीच शिकायतें सामने आई हैं कि कई बीएलओ को प्रपत्र भरने और उसे ऑनलाइन दर्ज करने की सही जानकारी नहीं है, जिससे मतदाता असमंजस में हैं। उप जिला निर्वाचन अधिकारी सत्यप्रकाश सिंह ने स्पष्ट किया कि प्रपत्र में ऊपर नया वोटर विवरण भरें। यदि 2003 में भी मतदाता थे तो नीचे बाएं कॉलम में उसका उल्लेख करें, अन्यथा दाएं कॉलम में माता-पिता की 2003 के मतदाता जानकारी लिखें। जिला प्रशासन का कहना है कि समय पर प्रपत्र जमा न करने की स्थिति में मतदाता सूची से नाम हटने का जोखिम पूरी तरह मतदाता पर होगा।

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