मेरठ 25 नवंबर (प्र)। इलाज के नाम पर मौत का तामझाम लेकर बैठेने वालों तथा उनके ठिकानों को लेकर स्वास्थ्य विभाग सख्त हो गया है। तमाम कायदे कानूनों को ताक पर रखकर नर्सिंगहोम के नाम पर केवल झोलाछाप की तर्ज पर दुकान खोलकर इलाज के नाम पर मौत बांटने वाले पर आने वाले दिनों में सख्ती की तैयारी कर ली गयी है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो दो दर्जन नर्सिंगहोमों पर ताले लटक जाएंगे। इनकी हिट लिस्ट तैयार कर ली गयी है। स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है, केवल सीएमओ के ग्रीन सिग्लन का इंतजार है।
नर्सिगहोम और इलाज के नाम पर डाक्टरी पेशे को शर्मसार करने वाले ऐसे लगभग दो दर्जन ठिकानों की सूची शुक्रवार को आईएमए ने सीएमओ को थमायी है। एक नर्सिंगहोम के लिए जो मानक होने चाहिए उन मानकों का पालन जो सूची थमायी गयी है उनमें से कोई भी नहीं कर रहा है। दरअसल गत दिवस अध्यक्ष डा. संदीप जैन की अध्यक्षता में आईएमए का एक प्रतिनिधि मंडल सीएमओ डा. अखिलेश मोहन से मिलने को पहुंचा था।
हालांकि इस मुलाकात में कहीं भी न्यूटिमा प्रकरण का कोई उल्लेख नहीं किया गया। लेकिन जानकारों का मानना है कि अपरोक्ष रूप से न्यूटिमा मामले को लेकर संभवत: रियायत की कोशिश की गयी, लेकिन आईएमए ने अधिकारिक रूप से इस बात को खारिज कर दिया। आईएमए अध्यक्ष डा. संदीप जैन ने बताया कि सीएमओ से मिलने के लिए काफी दिन से तैयारी थीं। शुक्रवार को समय मिला तो उनसे मुलाकात की गयी। कई विषयों पर चर्चा की गयी, लेकिन सबसे गंभीर विषय शहर में अवैध नर्सिंगहोम व झोलाछाप डाक्टरों का रहा है।
बातचीत में स्वास्थ्य विभाग की ओर से आईएमए के प्रतिनिधि को अवगत कराया गया कि स्वास्थ्य विभाग पहले ही झोलाछाप और अवैध रूप से संचालित किए जा रहे नर्सिंगहोमों के खिलाफ अभियान छेडे हुए हैं। अब तक कई अवैध नर्सिंगहोम के लाइसेंस निरस्त किए जा चुके हैं। झोलाछापों के खिलाफ एफआईआर करायी जा चुकी हैं।
इंडियन मेडिकल एसोशिएशन के अध्यक्ष डा. संदीप पहल ने बताया कि गत दिवस एक प्रतिनिधि मंडल सीएमओ डा. अखिलेश मोहन से मिला। कई मुद्दों पर चर्चा की गई। इनमें कायदे कानून ताक पर रख कर संचालित किए जा रहे नर्सिंगहोमों का मुद्दा भी शामिल रहा।