मेरठ 13 फरवरी (प्र)। मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) अपनी योजनाओं में विलफुल डिफॉल्टर (जानबूझकर किस्त जमा न करने वाले) को संपत्ति से वेदखल करने की तैयारी में है ऐसे 284 विलफुल डिफॉल्टर चिह्नित कर दो महीने पहले बकाया जमा कराने के लिए नोटिस दिया गया था। अब इसी सप्ताह अंतिम नोटिस मेडा जारी करने की तैयारी में है। निर्धारित अवधि में बकाया शुल्क न जमा करने या ठोस कारण न बता पाने पर मेडा संपत्ति कब्जे में लेकर इनकी नीलामी करेगा।
मेडा की ओर से अपनी सभी विकास योजनाओं में 10 से 15 साल के बकाएदारों के लिए सर्वे कराया गया था। इसके तहत 11 योजनाओं में 284 विलफुल डिफॉल्टर चिह्नित किए गए, जिन पर करोड़ों बकाया है। मेडा के विशेष कार्याधिकारी रंजीत कुमार ने बताया कि ऐसे कई बकाएदार चिह्नित किए गए हैं, जिन्होंने पंजीकरण शुल्क जमा कर कब्जा ले लिया। कुछ किश्त देकर फिर किस्तें देना बंद कर दी। कुछ साल बाद संपत्ति को ऊंचे दाम में बेच दिया। ऐसे 284 विलफुल डिफॉल्टरों पर 562 करोड़ रुपए बकाया है।
ऐसे बकाएदारों को चरणबद्ध तरीके से एक महीने का नोटिस दिया गया था। इनमें से कुछ बकाएदारों ने अपना पक्ष रखा। अब ठोस कारण न बता पाने वाले आवंटियों का आवंटन निरस्त कर संपत्तियों को नीलाम किया जाएगा। इसी सप्ताह अंतिम नोटिस जारी करने की तैयारी है।
बकाएदारों की स्थिति
नाम डिफॉल्टर आवंटी
शताब्दीनगर 14
वेदव्यासपुरी 22
लोहियानगर 93
श्रद्धापुरी 06
डिफेंस एन्क्लेव 10
सैनिक बिहार 41
गंगा नगर 30
मेजर ध्यानचंद नगर 08
पांडव नगर 01
पल्लवपुरम 37
गैर आवासीय संपत्ति 22
कुल 284
निजी विकासकर्ताओं के सहारे योजनाएं होंगी आबाद
मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) अब निजी विकासकर्ताओं के जरिए अपनी योजनाओं को रफ्तार देने की तैयारी में है। इसके तहत मेडा की ओर से निजी विकासकर्ताओं के साथ ही हाल ही में बैठक भी की गई थी। निजी विकासकर्ताओं की रजामंदी के बाद मेडा ने 50 हाउसिंग प्लॉट भी निकाल दिए हैं। इनकी जानकारी वेबसाइट पर अपडेट की गई है। इसके लिए खासा रुझान देखा जा रहा है।
मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि सभी योजनाओं में लँड मोनाटाइजेशन कराया गया है। इसके तहत कई योजनाओं में काफी भूमि है, जिसमें ग्रुप हाउसिंग विकसित की जा सकती है। उन्होंने बताया कि मेडा निजी विकासकर्ताओं के जरिए अब विकास को रफ्तार देगा। उन्होंने बताया कि शहर में रैपिड आ रही है और चारों ओर एक्सप्रेस वे का जाल बिछ रहा है। इसी के साथ फ्रेट कॉरीडोर और गंगा एक्सप्रेस वे का काम भी तेजी से चल रहा है। ऐसे में शहर में व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि मेडा भी परतापुर क्षेत्र में नई टाउनशिप विकसित करने जा रहा है। इसके लिए किसानों से लगातार समझौता पत्र भरवाकर जमीन ली जा रही हैं। उपाध्यक्ष ने बताया कि किसानों में टाउनशिप को लेकर खासा उत्साह है।