आए दिन समाचार पत्रों में जुआ सट्टा पकड़े जाने की खबर मिलती है लेकिन पता नहीं क्या कारण है कि आम आदमी की जान व परिवारों की खुशियों का दुश्मन ऑनलाइन गेमिंग सटटा बंद कराने की ओर जिम्मेदारों द्वारा ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा। दोस्तों समाज में ना तो कोई बुरी चीज है ना ही हम बता सकते हैं। क्येंकि जिस सांप के काटने से आदमी मर जाता है उसका भी जहर जान बचाने में उपयोगी होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम सांपों को पालना शुरू कर दें। इसी प्रकार कई प्रकार के ऐप वर्तमान में सक्रिय है जो ऑनलाइन गेम खिला रहे हैं और हमारी फिल्मी दुनिया के हीरो हिराईन कई क्षेत्रों के मुख्य व्यक्ति भी आगे हैं। और अपनी अदाकारी से सबके चहेते फिल्म अभिनेता अनिल कपूर और शाहिद कपूर इसे बढ़ावा दे रहे हैं।
इस मामले में बिल्कुल शराब और तंबाकू जैसा ही हो रहा है क्योंकि सिगरेट के पैकेट और शराब की बोतल पर लिखा होता है कि इसे पीना हानिकारक है ऐसे ही चैनलों और अन्य माध्यमों से आनलाइन गेमों का प्रचार करने वालों के साथ ही एक लाइन लिखी आती है कि यह गेम की आदत खतरनाक हो सकती है और इसके कई और भी नुकसान होते हैं इसलिए इसके आदी ना बने। जब दिखाई दे रहा है तो इन्हें चलने ही क्यों दिया जा रहा है।
यूपी के मेरठ निवासी 24 साल के अब्दुल समद जो दो साल के बच्चे का पिता है। उसे ऑनलाइन गेम की ऐसी आदत पड़ी और कर्ज में इस कदर डूब गया कि उसने सुसाइड कर लिया। मेरा मानना है कि पुलिस ने बिना पोस्टमार्टम कराए उसका शव परिजनों को सौंप दिया। लेकिन मेरा मानना है कि जिस ऑनलाइन गेम पोर्टल पर वह गेम खेलता था उसके संचालकों और प्रचार करने वालों पर एफआईआर दर्ज की जाए और जनहित याचिका दायर करने वालों को अदालत से ऐसे गेम पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि कई लोग खुद तो आत्महत्या कर लेते हैं सामने वाले को भी मार देते है। यह ऐसा समाज का कैंसर बनता जा रहा है जिसे समय नहीं रोका गया तो कल को ऐसी कठिनाई बढ़ने लगेगी और इनको लेकर जब हंगामा होगा तो उसे संभालना आसान नहीं होगा। मेरा मानना है कि जिम्मेदारों को मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाए। और इसका प्रचार बंद हो।