Saturday, September 7

मेला समापन के बाद गंगा किनारे लगा गंदगी का अंबार, आस्था में स्वच्छता अभियान को लगाया पलीता

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मवाना, 29 नंवबर (प्र)। फिल्म राम तेरी गंगा मैली के गीत..राम तेरी गंगा मैली हो गई, पापियों के पाप धोते- धोते यह पंक्तियां कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मवाना में जिला पंचायत द्वारा आयोजित गंगा मेले के समापन पर एकदम सटीक होती है। कार्तिक पूर्णिमा स्नान से पूर्व जहां तंबू का शहर नजर आता था। आज वहां गंदगी के अंबार नजर आ रहे हैं। जिला पंचायत की अनदेखी ने गंगा स्वच्छता अभियान को पलीता लगाया है। कार्तिक पूर्णिमा गंगा मेले के बाद मखदूमपुर गंगाघाट पर जगह-जगह गंदगी जमा हो गई है। जो जल प्रदूषण भी बढ़ा रही है। मेले के दौरान श्रद्धालु गंगा किनारे ही पुरानी पूजा-सामग्री और पालिथीन छोड़ गए। गंगा घाट पर गंदगी का ही दृश्य दिखाई दे रहा है।

जिला पंचायत द्वारा कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मखदूमपुर गंगा घाट पर पांच दिवसीय गंगा मेले का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन 23 नवंबर को डीएम दीपक मीणा और जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी ने किया था। इसके साथ ही गंगा घाट पर श्रद्धालु भैंसा-बुग्गी और ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर पहुंचने लगे थे। रविवार को पूरे दिन मेले में जाने वालों का तांता लगा रहा। रविवार रात 12 बजते ही कार्तिक पूर्णिमा का स्नान शुरू हो गया। श्रद्धालु जय गंगा मैया और हर-हर गंगे के उद्घोष के साथ घाट पर उमड़ पडे और स्नान शुरू कर दिया। कुछ श्रद्धालु रात में ही तंबू आदि समेटकर ट्रैक्टर-ट्रॉली तथा भैंसा-बुग्गियों में सवार होकर घरों को लौटने लगे। सोमवार को भी देर शाम तक बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया और देर शाम तक गंगा घाट खाली नजर आने लगा गंगा घाट पर महज गंदगी दिखाई दे रही है।

गंगा नदी की धार को अविरल और निर्मल बनाने के लिए विशेष अभियान चल रहा है। अफसर समय-समय पर स्वच्छ गंगा का संदेश देते हैं और फिर साफ-सफाई के लिए अभियान भी चलाते हैं। यहां तक कि सामाजिक संस्थाएं भी समय-समय गंगा सफाई अभियान चलाते हैं, लेकिन लहरा घाट पर स्वच्छ गंगा संदेश को लेकर संजीदगी दिखाई नहीं दी। मखदूमपुर मेले में जिला पंचायत द्वारा किए सफाई के दावे हवाई साबित हुए। गत देर शाम तक गंगा घाटों पर चारों ओर पॉलिथीन और कूड़ा फैला हुआ था। उसे साफ करने वाला कोई नहीं था। श्रद्वालुओं की माने तो जिला पंचायत द्वारा गंगा मेले में हर साल की तहर कूड़ेदान नहीं लगाए गए। जिसके चलते मेला समापन के बाद गंगा किनारे सिर्फ और सिर्फ कूड़े के ढेर नजर आ रहे थे। जिन्हें साफ करने वाला कोई नजर नहीं आ रहा था।

मेले के दौरान जमकर हुआ खनन: गंगा मेले में आए श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाने के साथ ही रेत खनन किया। प्रदेश सरकार द्वारा नदियों और नहरों से खनन प्रतिबंधित करने के बावजूद लोग नहीं चूके। गंगा मेले में आए श्रद्धालुओं ने प्रतिबंध को दरकिनार कर जमकर खनन किया। इस समय बाजार में रेत की ट्रॉली 7 से 8 हजार रुपये की मिल रही है। रेत से लदी भैंसा-बुग्गी और ट्रैक्टर-ट्रॉली देखकर भी पुलिसकर्मी अनजान बने रहे।

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