हस्तिनापुर 15 जुलाई (प्र)। बाइक से रिश्तेदार की शादी में शामिल होने निकाले दंपती सामने से आ रहे बाइक मध्य गंगनहर पटरी पर हुई दुर्घटना सवार को बचाने के चक्कर में सड़क पर गड्ढे में जा गिरे। जिसमें पति की मौत हो गई और पत्नी गंभीर घायल है। रास्ते से गुजर हे पूर्व विधायक ने दंपती को घायल अवस्था में अपनी कार से सीएचसी पहुंचाया। युवक ने हेलमेट नहीं पहना था ।
रामराज के मायानगर निवासी रवि अपनी पत्नी रूबी के साथ बाइक पर वीरनगर में शादी समारोह में जा रहे थे। मध्य गंगानगहर पटरी पर शनि मंदिर के पास विपरीत दिशा से आ रही बाइक को बचाने के चक्कर में सड़क में हुए गहरे गड्ढे में जा गिरे। वहां से गुजर रहे पूर्व विधायक गोपाल काली ने दोनों को अपनी गाड़ी में लेकर सीएचसी हस्तिनापुर पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने रवि को मृत घोषित कर दिया। वहीं, उनकी पत्नी रूबी को हाथ में गंभीर चोटें आई हैं। रवि के पिता महेंद्र सिंह को फोन पर सूचना दी गई। परिवार में कोहराम मच गया। 11 साल की बेटी सिमरन व आठ साल के बेटे युवराज पर गम का पहाड़ टूट पड़ा। थाना प्रभारी अनिल कुमार का कहना है कि रवि के स्वजन ने किसी भी कार्यवाही से इन्कार कर दिया और शव को अपने साथ ले गए।
दंपती अपने रिश्तेदार की शादी में शामिल होने निकला था लेकिन निर्मम काल ने उन्हें ही सदा के लिए अकेला कर दिया। काश… सड़क गड्ढामुक्त होती । काश… युवक ने हेल्मेट लगाया होता । पश्चाताप के कई बिंदु उभरेंगे, लेकिन इतना तो तय है कि प्रशासन की लापरवाही ने रामराज के मायानगर निवासी रवि की जान ले ही ली। घायल पत्नी रूबी जब अस्पताल से घर पहुंची तो जीवन का दीपक बुझ गया था । वह सदा के लिए अकेली पड़ गईं। उनकी 11 साल की बेटी और आठ साल के बेटे के सिर से पिता का साया उठ गया । मध्य गंगानहर पटरी पर दर्जनों गड्ढे मौत बनकर खड़े हैं।
रामराज के मायानगर में मध्य गंग नहर पटरी पर हुई दुर्घटना में रवि की जान चली गई। पिता महेन्द्र सिंह ने बताया कि उनका बेटा अपनी पत्नी रुबि के साथ दोपहर करीब एक बजे वीरनगर शादी में शामिल होने बाइक से निकला था। करीब दोपहर सवा दो बजे किसी ने फोन कर दुर्घटना की सूचना दी और वह अनहोनी की आशंका से कांप उठे। हस्तिनापुर पहुंचने के लिए निकले ही थे कि रवि की मौत की खबर आ गई और आंखों के आगे अंधेरा छा गया। 12 साल पहले रवि का विवाह हुआ था। उनकी 11 साल की बेटी सिमरन व आठ साल के बेटे युवराज पर गम का पहाड़ टूट पड़ा । स्वजनों का रो रोकर बुरा हाल है।