कई संगठनों और बड़े औद्योगिक परिवारों द्वारा किए जा रहे ऑनलाइन व्यापार से गली मोहल्लों में काम करने वाले व्यापारी को हो रहे नुकसान के चलते ऑनलाइन व्यापार का विरोध हमेशा ही होता रहा है। लेकिन अब जैसे जैसे हर चीज उपभोक्ता भी दूध से लेकर घरेलू सामान ऑनलाइन मंगाने लगे हैं इसी प्रकार व्यापारियों के समक्ष परेशानियां खड़ी होने लगी है। बढ़ते ऑनलाइन व्यापार के विरोध में बीते दिवस मेरठ के सबसे बड़े व्यापार संघों में शुमार बेगमपुल और पीएल शर्मा रोड व आबूलेन व्यापार संघ के पदाधिकारियों द्वारा हाथों में स्लोगन पट लेकर प्रदर्शन किया गया। अपनी रोजी रोटी और व्यापार बचाने के लिए प्रयास जरूरी है लेकिन जिस प्रकार से व्यापारी अपने हित में सक्रिय हो रहे हैं। उसी प्रकार से जो लोग ऑनलाइन व्यापार में सक्रिय हैं जहां तक पता चलता है वो भी शांत नहीं है। इसलिए अब यह व्यापारिक प्रतिस्पर्धा का मुददा बनता जा रहा है। इसे लेकर नागरिकों की अलग अलग राय है। कुछ उपभोक्ताओं का कहना है कि दुकानदार सामान उधार भी देता है और सामने देखा भाला होता है। कुछ का यह भी मानना है कि ऑनलाइन सामान घर पर पहुंचता है और बाजार के मुकाबले सस्ता होता है। साफ सुथरा तो होता ही है। ऐसे में यह तो कंपटीशन शुरू हुआ है जहां तक मुझे लगता है कि ना तो वो आंदोलन से खत्म होने वाला है ना प्रदर्शन से। ना कोई व्यक्ति शक्ति परीक्षण कर इस पर अंकुश लगा सकता है क्योंकि अगर व्यापारी बड़ी संख्या में है तो अब ऑनलाइन व्यापार करने वालों की तादात भी कम नहीं है तथा जो घरों पर सामान पहुंचाते हैं उनकी संख्या बढ़ती जा रही है। इसलिए अगर वर्चस्व साबित करने का मुददा होता है तो कमजोर कड़ी कोई भी साबित नहीं होगी।
मगर एक बात हमेशा सामने आती है कि अगर आपका व्यवहार सामान की गुणवत्ता सही है और प्रतिष्ठान के मालिक कर्मचारियों का व्यवहार ग्राहक के साथ सही है तो वो नुकसान सहकर भी दुकानदार से सौदा लेना पसंद करता है। मगर इसके लिए अपने आपको व्यवहारिक और लाभ कम तथा सामान स्वच्छ होने की गारंटी दुकानदारों को देनी होगी। जैसा कि हम देखते हैं कि कितने ही परिवार रहते मेरठ में है लेकिन छुटटी मिली नहीं कि नोएडा गुड़गांव खरीदारी करने पहुंच जाते हैं जो इस बात का प्रतीक है कि अभी पैसा कोई बड़ा महत्व व्यापारी और उद्योगपति के बीच नहीं रखता है जिसके चलते दशकों साल पुराने संबंध तोड़े जाएं। अपनी बात कहना गलत का विरोध करना सबका अधिकार है मगर मुझे लगता है कि व्यापार बचाना है और आनलाइन के दौरान टिके रहना है तो ग्राहक को प्रभावित करना ही होगा। तभी हम ऑनलाइन व्यापार के मुकाबले टिके रह सकते हैं वरना तो सभी को यह समझना चाहिए कि जो सुविधाएं ऑनलाइन व्यापारी दे रहे हैं ज्यादातर लोग ऑनलाइन के पीछे ही भाग रहे हैं। यह दुकानदारों को अपनी विन्रमता स्वच्छता और सही लाभ लेकर ही कायम करनी होगी तभी हम कर सकते हैं ऑनलाइन व्यापार का मुकाबला
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
बढ़ते ऑनलाइन व्यापार का मुकाबला व्यापारी भाई आंदोलन से नहीं स्वच्छता विनम्रता और कम लाभ से ही कर सकते हैं
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