Friday, July 4

विवाहित बेटी पूजा को मिला मां की आश्रित सरकारी नौकरी अधिकार

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मेरठ 09 अप्रैल (प्र)। हस्तिनापुर में एक विवाहित बेटी को नए अधिकार का वरदान मिल गया। इकलौती बेटी को अपनी मां की जगह मृतक आश्रित के रूप में राजकीय बालिका विद्यालय हस्तिनापुर में नौकरी का हक मिला है। मेरठ मंडल के राजकीय विद्यालयों में यह पहला मामला भी है, जब किसी विवाहित बेटी को अपनी मां अथवा पिता के स्थान पर सरकारी नौकरी मिली है।
यह है मामला राजकीय बालिका इंटर कालेज हस्तिनापुर में सेविका के रूप में कार्यरत शारदा देवी का 30 जनवरी- 2022 को निधन हो गया था। उनकी इकलौती बेटी पूजा ही है। दसवीं पास पूजा अब तीन बच्चों की मां हैं। उनके सामने आर्थिक संकट था। क्योंकि पति भी बहुत कम कमा पाते हैं। पूजा ने मां के स्थान विद्यालय में नौकरी के लिए आवेदन किया। प्रधानाचार्य के माध्यम से आवेदन संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय पहुंच गया। क्योंकि राजकीय बालिका इंटर कालेज में सेविका पद के नियुक्ति अधिकारी वही हैं।

मृतक आश्रित नियमावली में संशोधन से मिली नौकरी
मृतक आश्रित नियमावली में पहले मृतक आश्रित के रूप में अविवाहित पुत्र अथवा पुत्री को ही माता-पिता के आश्रित होने पर उनके स्थान पर नौकरी का हक था, 27 दिसंबर- 22 को नियमावली में हुए संशोधन में विवाहित पुत्री कर दिया गया है। विवाहित शब्द ने ही पूजा को उसका हक दिलाया। संयुक्त शिक्षा निदेशक ओंकार शुक्ल ने पूजा को पूरी तरह पात्र मानते हुए उसकी सेविका के पद पर गत सात अप्रैल को नियुक्त का आदेश जारी कर दिया। प्रशासनिक अधिकारी अशोक गुप्ता ने उन्हें नियुक्ति पत्र प्रदान किया। मंगलवार को राजकीय बालिका इंटर कालेज की प्रधानाचार्य सारिका शर्मा ने पूजा कार्यभार ग्रहण कराया। पूजा का भी कहना है कि मां शारदे के आशीर्वाद से ही यह संभव हो पाया है।

संयुक्त शिक्षा निदेशक ओंकार शुक्ल का कहना है कि मृतक आश्रित नियमावली में संशोधन के बाद मेरठ मंडल का यह पहला मामला है। जब किसी विवाहित पुत्री को मां अथवा पिता स्थान पर राजकीय विद्यालय में आश्रित के रूप में वारिस मानते हुए नियुक्ति प्रदान की गई है।

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