मेरठ 31 जुलाई (प्र)। देश की शीर्ष अदालत द्वारा दिए गए सेंट्रल मार्केट अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण आदेश के बाद लोगों ने खुद ही अपनी दुकानों के शटर हटाकर दीवार लगाना शुरू कर दिया है। लोग इसकी जानकारी आवास एवं विकास परिषद को भी दे रहे हैं। परिषद अधिकारियों का कहना है कि 1478 अवैध निर्माणकर्ताओं में से करीब 150 लोगों ने अपने अवैध निर्माण स्वयं ही हटा लिए हैं। बाकी लोगों से भी अवैध निर्माण हटाने को कहा जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जद में शास्त्रीनगर स्कीम नंबर 3 और स्कीम नंबर 7 के वो सभी 1478 अवैध व्यावसासिक निर्माण आए हैं जिनकी सूची आवास एवं विकास परिषद ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी। स्कीम नंबर 7 में स्थित एमआईजी भवन संख्या 661/6 (331 वर्गमीटर) के ध्वस्तीकरण को बचाने के लिए व्यापारियों ने सुप्रीम कोर्ट में शरण ली थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भवन संख्या 661/6 के साथ ही उन सभी 1478 भवनों पर भी ध्वस्तीकरण की तलवार लटकी है जिनकी सूची सुप्रीम कोर्ट को मुहैया कराई गई थी। आवास एवं विकास परिषद ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की अवैध निर्माणों की सूची सबसे ज्यादा 860 भू-उपयोग परिवर्तन के मामले स्कीम नंबर 7 में हैं। जबकि शास्त्रीनगर स्कीम नंबर 3 में 618 आवासीय भवनों का उपयोग कॉमर्शियल में हो रहा है। लोगों ने दुकान का शटर हटाकर दीवार लगा दी है और इसकी जानकारी परिषद को भी दी जा रही है।
आवास एवं विकास परिषद अधिशासी अभियंता आफताब अहमद का कहना है कि नोटिस के बाद कुछ लोग अपने अवैध निर्माण स्वयं ही हटाने में लगे है। अब तक करीब 150 लोगों ने अपने अवैध निर्माणों को हटाया है और इसकी जानकारी विभाग को दी है। विभागीय कर्मियों ने इसका सत्यापन भी कर लिया है। जो अवैध निर्माण नहीं हटाएगा उसके खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
अब पांच अगस्त को खोली जाएगी ध्वस्तीकरण टेंडर की तकनीकी बिड
शास्त्रीनगर की सेंट्रल मार्केट स्थित अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण के लिए जारी किए गए टेंडर की तिथि को आवास विकास परिषद ने आगे बढ़ा दिया है। अब टेंडर की तकनीकी बिड एक अगस्त की बजाए पांच अगस्त को खोली जाएगी। टेंडर डाउनलोड, अपलोड और धरोहर राशि आदि की कार्यवाही करने की तिथि भी 31 जुलाई की बजाए चार अगस्त कर दी गई है। यह जानकारी अधिशासी अभियंता आफताब अहमद ने दी। टेंडर के बदले कार्यक्रम की जानकारी विभागीय वेबसाइट पर भी संशोधित कर दी है।