मेरठ 09 जनवरी (प्र)। मेरठ में रुड़की इंजीनियरिंग कॉलेज के रिटायर प्रोफेसर और उनकी पत्नी से ठगी करने वाले साइबर ठग को साइबर थाना पुलिस ने बंगलूरू से गिरफ्तार किया है। ठगों ने 3 करोड़ 10 लाख 81 हजार रुपये की ठगी को अंजाम दिया था। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि आरोपी कर्नाटक का प्रशांत है।
गंगानगर एफ-6 निवासी एके अग्रवाल रुड़की इंजीनियरिंग कॉलेज से प्रोफेसर के पद से रिटायर हैं। उन्होंने एसएसपी को दिए शिकायती पत्र में बताया था कि उनके पास अनाया शर्मा नाम की महिला और रितेश जैन नाम के युवक के व्हाट्सएप कॉल और मैसेज आए। दोनों ने शेयर ट्रेडिंग में बड़े मुनाफे दिलाने की बात कही।
एके अग्रवाल उनके झांसे में आ गए। 26 सितंबर को ब्रांडीवाइन ग्लोबल कंपनी में एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंवेस्टमेंट) खाता खोल लिया। शुरुआत में उन्होंने 50 हजार रुपये का निवेश किया। इसके बाद 10 अक्टूबर को 22 ट्रांजेक्शन में 1,73,25000 रुपये विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर किए। उनको बताया कि हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड के शेयर उन्हें आवंटित किए गए हैं, जो ब्रांडीवाइन ग्लोबल के पास हैं। इसके बाद उनके खाते में 9,52,074 रुपये फ्रीज कर दिए गए। उन्हें 22 अक्टूबर को बताया गया कि वह 31 अक्टूबर तक अपने शेयर बेच नहीं सकते। इन शेयरों का कोई विवरण उन्हें नहीं दिया गया। उन्होंने कई बार खाते से धनराशि निकालने की कोशिश की, लेकिन केवल 10 लाख रुपये ही निकाल पाए। अपने पैन नंबर के माध्यम से बीएसई/एनएसई में अपने खाते की जानकारी करने का प्रयास किया, उन्हें अपने नाम पर कोई शेयर आवंटित नहीं मिला। उन्होंने अनाया शर्मा से व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से संपर्क किया तो उसने सेबी से संपर्क करने की सलाह दी। खाते के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई।
इसी तरह एके अग्रवाल की पत्नी अंजना अग्रवाल ने एक खाता 3 अक्टूबर को अनाया शर्मा और रितेश जैन के कहने पर खोला। शुरु में एक लाख रुपये और फिर 50 हजार रुपये ट्रांसफर किए। इसके बाद 13 ट्रांजेक्शन में 1,37,56,000 रुपये बताए गए खातों में ट्रांसफर किए। उन्हें भी यही कहा गया कि हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड आदि के शेयर आवंटित किए गए हैं, जो वर्तमान में ब्रैंडीवाइन ग्लोबल के पास हैं। उनके खाते में 9,97,784 रुपये फ्रीज कर दिए गए। उन्हें भी बताया गया कि वह अपने शेयर 31 अक्तूबर तक नहीं बेच सकती। वह भी केवल 1,88,300 रुपये ही अपने खाते से निकाल पाईं।
एके अग्रवाल के मुताबिक सीओआई भारतीय स्टॉक मार्केट अपडेट नाम के एक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से उन्हें फंसाया गया। यह ग्रुप 28 दिसंबर 2021 को 157 सदस्यों के साथ बनाया गया था। इसमें से केवल 5-10 सक्रिय प्रतिभागी थे। रितेश जैन इस ग्रुप में प्रतिदिन 2 बजे और 8 बजे तक ट्रेनिंग देकर शेयर ट्रेडिंग में बड़े मुनाफे का झांसा दिया करता था।
पीड़ित के मुताबिक उनकी मर्जी के खिलाफ कई शेयर उन्हें आवंटित किए गए। जबकि उन्होंने इसका विरोध किया था। उन्हें लक्ष्य पावरटेक, फ्रेशारा एग्रोटेक और वार्री एनर्जी के शेयर उनकी मर्जी के खिलाफ आवंटित किए गए।
एसएसपी विपिन ताडा के निर्देश पर साइबर क्राइम टीम ने मामले की जांच शुरू की। पुलिस टीम नियुक्त कर कर्नाटक राज्य के लिए रवाना की गई थी। टीम ने बंगलूरू से प्रशांत के.सी. (44) पुत्र चेलुवाचार निवासी 366 एच, प्रथम तल मेन सेकेंड क्रास, विजयनगर, बंगलूरू को गिरफ्तार कर लिया। प्रशांत ने बताया कि वर्ष 2021 में वह एक सिक्योरिटी कंपनी में फील्ड ऑफिसर था। वहां उसके साथ हनुमान गोवडा भी काम करता था।