जींद 12 अगस्त। हरियाणा के जींद में शादी के 19 साल बाद एक दंपती के घर बेटी का जन्म हुआ। संतान के लिए 19 साल से तरस रहे दंपती ने उम्मीद छोड़कर भाई का बेटा तक गोद लिया था। मगर, 19 साल एक महीने के बाद बिना किसी दवा लिए दंपती को संतान प्राप्ति का सुख मिला। बेटी के जन्म पर दंपती ने गांव ही नहीं, आसपास के 21 गांवों को चूल्हा न्योता देते हुए भव्य जश्न मनाया।
आमतौर पर बेटे के जन्म पर की जाने वाली कुआं पूजन की रस्म भी की। डीजे बजा। खुशी में परिवार और महिलाएं खूब थिरकीं। कार्यक्रम में 24 खापों के प्रधान समेत करीब आठ हजार लोग नवजात बेटी को आशीर्वाद देने पहुंचे। ये जश्न हुआ गांव थुआ में। बेटी के पिता सुरेंद्र कालीरमण खाप के उपप्रधान भी हैं। उनका कहना है कि यह समाज के लिए संदेश भी है कि बेटी और बेटा बराबर होते हैं।
उचाना हलके के गांव थुआ निवासी सुरेंद्र की 9 जून 2006 को झील गांव की कृष्णा के साथ सुरेंद्र की शादी हुई। शादी के काफी समय बाद भी संतान नहीं हुई, तो उन्होंने पहले कैथल, उसके बाद हिसार और चंडीगढ़ से मेडिकल ट्रीटमेंट लिया।
सुरेंद्र ने बताया कि पत्नी गर्भवती होतीं, लेकिन कोख में बच्चा ग्रोथ नहीं कर पाता। दूसरे-तीसरे महीने में ही गर्भपात हो जाता। 10 से ज्यादा बार उनकी पत्नी कृष्णा को गर्भपात का दर्द झेलना पड़ा। जब उन्होंने डॉक्टर से पता किया तो पीजीआई के डॉक्टरों ने बताया कि कृष्णा का जो ब्लड ग्रुप है, उसके कारण यह दिक्कत आ रही है। इसी कारण संतान सुख प्राप्ति की संभावना कम है।
तब सुरेंद्र व उनकी पत्नी ने बच्चा गोद लेने का मन बनाया। सुरेंद्र ने अपने बड़े भाई के बेटे को गोद ले लिया। एक साल पहले कृष्णा फिर से गर्भवती हुईं। दूसरे-तीसरे महीने तक किसी तरह की दिक्कत नहीं आई। इस बार मेडिकल टेस्ट करवाए गए तो बच्चे की ग्रोथ ठीक लगी। इसके बाद उन्होंने सावधानी बरतनी शुरू कर दी। शादी के 19 साल एक महीने बाद 10 जुलाई को उन्हें संतान प्राप्ति हुई। इससे उनका खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बेटी का नाम भूमि रखा गया। नॉर्मल डिलीवरी के बाद स्वस्थ बेटी के जन्म के बाद सुरेंद्र ने मन बनाया कि बेटी होने की खुशी में वह भव्य कार्यक्रम का आयोजन करेगा। जिसमें फैसला लिया कि पूरे गांव का न्योता दूंगा।
थुआ गांव निवासी सुरेंद्र 100 एकड़ से ज्यादा जमीन को ठेके पर लेकर खेती करते हैं। उनके पास खुद की साढ़े चार एकड़ जमीन है। पिछले डेढ़ साल से सुरेंद्र कालीरमण खाप के उपप्रधान हैं। सुरेंद्र ने कहा कि वह बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं समझते हैं।