हुक्का बीयर शराब परोस रहे बिना लाइसेंस
मेरठ 20 अप्रैल। मेरठ विकास प्राधिकरण मेडा के उपाध्यक्ष द्वारा बीते दिनों अवैध निर्माण रोकने के लिए संपत्ति रजिस्ट्री ऑफिस और पॉवर कारपोरेशन के अधिकारियों को पत्र लिखा गया कि बिना मानचित्र वाले निर्माणों में बिजली कनेक्शन ना दिए जाएं और ऐसी संपत्तियों की रजिस्ट्री ना की जाए मगर उनके सहयोगियों द्वारा जिम्मेदारी ना निभाने के चलते अवैध निर्माण भी हो रहे हैं बिजली कनेक्शन भी हो रहे और रिहायशी जमीन पर कामर्शियल गतिविधियां भी चल रही है। इसके जीते जागते उदाहरण के रूप में कुछ माह पूर्व गढ़ रोड पर रिहायशी प्लॉटों पर बने अवैध कॉमर्शियल पीएस आर्केड बिल्डिंग में पहले हल्दीराम का शोरूम खुला और अब एम्लीफायर नाम से मौखिक सूत्रों के अनुसार बिना लाइसेंस के बीयर और शराब तथा हुक्का पिलाए जाने की खबर है। इसका खुलासा बिलिडंग पर लगे एम्लीफायर के नीचे लिखे शब्द लव म्यूजिक बीयर से लगाया जा सकता है। इससे संबंध प्राप्त फोटो से पता चलता है कि बीयर या शराब हुक्काबार चलाने का लाइसेंस ना होने के बाद भी यहां ये सब चीजें परोसी जा रही है। पिछले दिनों मेरठ के बार मालिकों का एक प्रतिनिधिमंडल आबकारी अधिकारियों से भी मिला था और शिकायत की थी कि कुछ लोग बिना लाइसेंस के शराब और बीयर पिला रहे हैं। हल्दीराम के उपर बने एम्लीफायर के संचालकों का कहना है कि उन्होंने लाइसेंस के लिए आवेदन किया हुआ है। पहली बात तो यह कि जब वो मिल जाएगा तो उससे पहले शराब और बीयर कैसे पिलाई जा रही है। अगर प्रतिदिन की अनुमति लेकर पार्टियों में परोसी जानी है तो वो बिक नहीं सकती लेकिन यहां के कुछ ग्राहकों के अनुसार शराब का अधूरा नाम लिखकर बिल दिए जा रहे हैं जो पूरी तौर पर गलत है। बात रही लाइसेंस की तो जब तक फायर की एनओसी और मेडा से पूर्णता प्रमाण पत्र नहीं मिलता और वाहन पार्किंग का जवाब इसके संचालक नहीं देते तब तक लाइसेंस मिलना मुश्किल है। सरकारी नियमों के अनुसार आवासीय भूमि पर बनी पीएस आर्केड बिल्ंिडग में मुख्य द्वार के अलावा कोई और जगह निकलने के लिए नहीं है इसलिए फायर से एनओसी नहीं मिल सकती यह बात आबकारी अधिकारी भी जानते हैं क्योंकि पिछले वर्ष मवाना रोड पर रक्षापुरम स्थित मेरठ क्लब को लाइसेंस देने से इसलिए इनकार कर दिया गया था कि यहां पार्किंग की व्यवस्था नहीं है तो फिर एम्पलीफायर को कैसे मिल सकता है लाइसेंस। यह पता होने के बावजूद पुलिस और आबकारी अधिकारी अवैध रूप से चल रहे नशे के कारोबार को रोकने के लिए कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे। खबर के साथ मौजूद वीडियो में एम्पलीफायर में हुक्के लिए और जाम छलकाते लोग साफ दिखाई दे रहे हैं। इसलिए कोई इस बात से भी इनकार नहीं कर सकता कि बिना लाइसेंस के यहां शराब पिलाई जा रही है। जिलाधिकारी को इस बारे में जांच कराकर इसके संचालक के खिलाफ कार्रवाई के साथ इसे लाइसेंस मिल सकता है या नही यह भी स्पष्ट किया जाना आबकारी विभाग का जरूरी है। आने वाले ग्राहक भी चौकस रहे क्योंकि किसी समय अगर यहां छापा जैसे ऐसी और जगहों पर पड़ता रहता है के दौरान के अगर पकड़े गए तो कई समस्याओं का ग्राहकों को सामना करना पड़ सकता है।
खबर के साथ वायरल फोटो व वीडियो संलग्न है।
चित्र में एम्पलीफायर का ग्राहक को दिया गया बिल जिसमें शराब का नाम बदला हुआ साफ नजर आ रहा है।
चित्र में एम्पलीफायर में हुक्का पीते छात्र
चित्र में एम्पलीफायर में शराब व बीयर के जाम छलकाते लोग