मेरठ 18 सितंबर (प्र)। वेस्ट यूपी और दिल्ली में बैठकर विदेशों से साइबर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना शाहिद अंसारी उर्फ जानसठिया के बेटे साजिल अंसारी और साले नफीस समेत 17 आरोपितों को पुलिस और साइबर टीम ने पकड़ा। आरोपित बैंक कालोनी स्थित मकान में काल सेंटर संचालित कर करोड़ों की ठगी कर रहे थे। माना जा रहा है कि हाल में मवाना और लिसाड़ीगेट में चल रहे काल सेंटर भी शाहिद के गुर्गे संचालित कर रहे थे। उससे पहले नोएडा से भी शाहिद का बेटा साजिद साइबर ठगी में जेल जा चुका है।
मंगलवार की रात को साइबर सेल और नौचंदी पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में ढवाई नगर में रहने वाले शाहिद अंसारी के बेटे साजिद अंसारी और साले नफीस को पकड़ लिया है। शाहिद अंसारी सपा से वार्ड 80 से नगर निगम पार्षद का चुनाव लड़ चुका है। जांच में सामने आया कि शाहिद अंसारी वेस्ट यूपी और दिल्ली में काल सेंटर खोलकर विदेशों से ठगी को अंजाम दे रहा था। फिलहाल शाहिद पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाया है। उसके अलावा भी 15 युवकों की टीम को पुलिस ने दबोच लिया है।
जांच में सामने आया कि शाहिद अंसारी के गुर्गे ही लिसाड़ीगेट और मवाना में काल सेंटर संचालित कर रहे थे।
शाहिद अंसारी का नोएडा और दिल्ली में भी बड़ा नेटवर्क हैं, सैंकड़ों की संख्या में लड़के उसके लिए साइबर ठगी करते है। पुलिस की टीम इस पूरे साइबर ठगी के नेटवर्क को तोड़ने का प्रयास कर रही है। देखा जा रहा है कि शाहिद ने मेरठ और ग्रामीण क्षेत्रों में कहां कहां पर काल सेंटर चला रखा है। पूरे मामले की पड़ताल के लिए साइबर थाने की टीम लगी हुई हैं।
ऐसे करते हैं साइबर ठगी
साइबर अपराधी ठगी में विदेशी नंबरों का प्रयोग करते हैं।
सेटिंग कर दुबई, यूएसए समेत कई देशों के टोल फ्री नंबरों को अपने नंबर पर डायवर्ट करा लेते हैं। उसके लिए प्रत्येक काल के 1200 रुपये दिए जाते हैं।
ज्यादातर एप्पल, सैमसंग कंपनियों के टोल फ्री नंबर अपने मोबाइल पर डायवर्ट कराते हैं।
कालर की शिकायत पर उन्हें बताया जाता है कि उनका मोबाइल और लैपटाप हैक हो चुका है। इसके बाद एप डाउनलोड कराकर रिमोट से मोबाइल को अपने फोन पर लेकर उनका पूरा डाटा अपने कब्जे में ले लेते हैं।
फिर ठग सत्यापन के नाम पर कालर का पूरा पता, नाम, जन्मतिथि और डेबिट कार्ड का नंबर तक पूछते हैं। इसके बाद डेबिट कार्ड का नंबर डालकर कालर के खाते से रकम ट्रांसफर कर लेते हैं, क्योंकि मोबाइल हैक होने की वजह से ओटीपी उनके मोबाइल नंबर पर आता है।
यह रकम डालर से बिटक्वाइन में बदलवा लेते हैं, उसके लिए भी मोटी रकम दी जाती है।
एसएसपी डा. विपिन ताडा का कहना है कि साइबर ठगी करने वाले दो काल सेंटर लिसाड़ीगेट और मवाना से पकड़े जा चुके हैं, दोनों का कनेक्शन विदेश से जुड़ा हुआ था। सूचना मिली है कि साइबर ठगी का मास्टरमाइंड शाहिद है। बैंक कालोनी में उनका काल सेंटर संचालित हो रहा था। पुलिस शाहिद के बेटे और साले को पकड़कर पूछताछ की जा रही है।