बरेली 12 अक्टूबर। छात्रा से छेड़छाड़ कर ट्रेन के सामने फेंकने में गत दिवस आरोपित विजय मौर्य व उसके पिता कृष्णपाल मौर्य को गिरफ्तार कर लिया गया। जघन्य घटना की गूंज शासन तक पहुंची और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों से पूरी घटना के बारे में जानकारी ली। उनकी नाराजगी के बाद अफसर आनन-फानन में भास्कर अस्पताल पहुंचे। छात्रा का हाल पूछा। छात्रा से बातचीत की कोशिश की गई लेकिन, वह बोल नहीं सकी।
डॉक्टरों ने स्थिति चिंताजनक बताई तो उसे रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। इधर, पूरे घटनाक्रम में लापरवाही बरतने व पूर्व में हुई शिकायत पर कार्रवाई ना करने में इंस्पेक्टर सीबीगंज अशोक कुमार कांबोज, दारोगा नितिन शर्मा व सिपाही होरीलाल निगम को निलंबित कर दिया। छात्रा के उपचार के लिए मुख्यमंत्री ने पांच लाख रुपये आर्थिक सहायता मुहैया कराई है।
सीबीगंज के एक गांव की रहने वाली छात्रा रोज की तरह कोचिंग पढ़ने गई हुई थी। सीबीगंज थाने में दिये गए शिकायती पत्र में छात्रा के पिता ने बताया कि बेटी कोचिंग पढ़कर अपने घर जा रही थी। शाम को गांव के ही आरोपित विजय मौर्य ने भट्टे के पास बेटी को रोक लिया। अकेला पाकर उस पर फब्तियां कसने लगा और छेड़छाड़ शुरू कर दी।
आरोपित के चंगुल से छूटकर बेटी ने भागने का प्रयास किया तो उसने पीछा शुरू कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम को गांव ही प्रदीप ने देखा। जान बचाने के लिए बेटी खड़ौआ क्रॉसिंग की ओर भागी तो आरोपित विजय मौर्य ने जान से मारने की नीयत से ट्रेन के सामने धक्का देकर फेंक दिया।
ट्रेन की चपेट में आने से बेटी के दोनों पैर व बायां हाथ कट गया। शिकायती पत्र पर पुलिस ने आरोपित विजय मौर्य के विरुद्ध बंधक बनाने, छेड़छाड़, हत्या का प्रयास, पॉक्सो एक्ट, हमला करने व धमकी की धारा में प्राथमिकी लिखी गई है। छात्रा के घर वालों द्वारा पूर्व में आरोपित के पिता कृष्णपाल मौर्य से पूरा घटनाक्रम बताया गया था। आरोप है कि बावजूद उन्होंने बेटे का साथ दिया जिसके बाद कृष्णपाल मौर्य का भी प्राथमिकी में नाम बढ़ाया गया। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।