Wednesday, October 16

मेरठ की पांच लाख आबादी को 20 दिन नहीं मिलेगा गंगाजल

Pinterest LinkedIn Tumblr +

मेरठ 11 अक्टूबर (प्र)। महानगर की करीब पांच लाख आबादी के लिए 20 दिन परेशानी वाले साबित हो सकते हैं। इतनी आबादी को इतने दिन तक गंगाजल नहीं मिलेगा। नलकूप का पानी ही दिया जाएगा। लेकिन दूसरी या इससे अधिक मंजिल के मकानों, फ्लैटों में रहने वालों तक प्रेशर से पानी पहुंचना मुश्किल होता है। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग से ऊपरी गंगनहर की वार्षिक नहरबंदी को शेड्यूल जारी कर दिया गया है।

12 अक्टूबर की मध्य रात से 31 अक्टूबर की मध्य रात तक बंद रहेगी। हरिद्वार से गंगाजल नहीं छोड़ा जाएगा। इस दौरान गंगनहर की सफाई की जाएगी। चूंकि शहर को भोला की झाल स्थित 100 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से करीब 45 एमएलडी गंगाजल आपूर्ति होता है। यह आपूर्ति भी रुक जाएगी। इससे सिविल लाइंस, सुभाष नगर, मोहनपुरी, सूरजकुंड समेत करीब 22 वार्डों की गंगाजल आपूर्ति बंद हो जाएगी। जैन नगर, देवपुरी, सराफा, शीश महल, खैरनगर, बुढ़ाना गेट लगभग पूरा पुराना शहर प्रभावित होगा। सर्किट हाउस, टाउनहाल, विकासपुरी, शर्मा स्मारक और बच्चा पार्क के गंगाजल भूमिगत जलाशय नहीं भरे जाएंगे। इन क्षेत्रों में मौजूद नलकूपों के जरिए पानी की टंकी भरकर जलापूर्ति सुचारू की जाएगी। नौचंदी व शास्त्रीनगर में भी नलकूप का पानी दिया जाएगा। इन क्षेत्रों की जलापूर्ति के लिए करीब 40 नलकूप चलाए जाएंगे।

ट्रीटमेंट प्लांट व भूमिगत जलाशय भी होंगे साफ
भोला की झाल स्थित 100 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और गंगाजल से जुड़े भूमिगत जलाशय की सफाई भी कराई जाएगी। नगर निगम भी गंगनहर बंद होने पर वार्षिक सफाई करवाता है।

अपर नगर आयुक्त ममता मालवीय का कहना है कि 25 टैंकर पेयजल उपलब्धता के लिए लगाए जाएंगे। चार नलकूप लिसाड़ी, तारापुरी और माधवपुरम में रिबोर का काम 12 तारीख से पहले पूरा हो जाएगा। 10 एचपी क्षमता के नलकूप क्रियाशील कर दिए गए हैं। उम्मीद है कि पेयजल संकट की स्थिति नहीं खड़ी होगी। यदि कहीं से समस्या आएगी तो टैंकर से पेयजल मुहैया कराया जाएगा।

Share.

About Author

Leave A Reply