नई दिल्ली, 26 सितंबर। रिजर्व बैंक ने सोमवार को कहा कि उसने विभिन्न नियामक मानदंडों के उल्लंघन के लिए एसबीआई और इंडियन बैंक समेत तीन सरकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना बैंक के नियमों को उल्लंघन करने पर लगाया है। बैंक ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने 1.3 करोड़ रुपये का जुर्माना स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) पर लगाया है। यह जुर्माना बैंक के ऋण और अग्रिम – वैधानिक और अन्य प्रतिबंध और इंट्रा-ग्रुप लेनदेन और एक्सपोजर के प्रबंधन पर दिशानिर्देश के पालन ना करने पर लगाया है।
आरबीआई ने एक प्रेस रिलीज जारी की। इस प्रेस रिलीज के अनुसार आरबीआई ने कहा कि इंडियन बैंक पर भी 1.62 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना ऋण और अग्रिम – वैधानिक और अन्य प्रतिबंध, केवाईसी, और भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देश, 2016 के अनुपालन की वजह से लगाया गया है।
इसके अलावा पंजाब एंड सिंध बैंक पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा है। यह जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता निधि योजना के कुछ प्रावधानों का अनुपालन करने की वजह से लगाया गया है। वहीं, एनबीएफसी में धोखाधड़ी की निगरानी पर निर्देशों के कुछ प्रावधानों का अनुपालन न करने की वजह से फेडबैंक फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड पर 8.80 लाख रुपये का जुर्माना लगा है।
आरबीआई ने कहा कि बैंकों पर जुर्माना नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उनके द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता को प्रभावित करना नहीं है।
आरबीआई ने कहा कि उसने मुंबई स्थित द कपोल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इसकी वजह है कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। सहकारिता मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव और सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार से भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है।